बेंगलुरु, 30 मार्च (आईएएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और भाजपा सरकार को कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) को दही के पैकेट पर हिंदी शब्द दही प्रमुखता से लेबल करने और संबंधित कन्नड़ शब्द मोसरू को कोष्ठक में इस्तेमाल करने के निर्देश के लिए फटकार लगाई है।
जनता दल (एस) के नेता ने गुरुवार को कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है..केएमएफ के उत्पाद नंदिनी प्रोबायोटिक कर्ड पर दही शब्द की छपाई गलत है। यह देश के लोगों के विरोध को जानने के बावजूद किया गया है।
कुमारस्वामी ने कहा, हिंदी थोपना पिछले दरवाजे से नहीं हुआ है। थोपना सीधे आया है। डबल इंजन सरकार और उसकी सहायक केएमएफ ने चुपचाप इसे स्वीकार कर लिया है। यह एक कन्नड़ विरोधी अधिनियम है।
उन्होंने कहा, मैंने मान लिया था कि कर्नाटक में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा चुनाव के उद्देश्य से थी। मैंने नहीं सोचा था कि उनकी यात्राओं से हमारे ब्रांड नंदिनी को खतरा होगा।
कुमारस्वामी ने आरोप लगाया, नंदिनी ब्रांड अमूल ब्रांड का सहयोगी नहीं है। कर्नाटक भारतीय संघीय प्रणाली का एक राज्य है। यह गुजरात का उपनिवेश नहीं है। यदि हम संघीय प्रणाली के लिए सहमत हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि कोई हस्तक्षेप कर सकता है। हमारी विनम्रता एक कमजोरी है।
कुमारस्वामी ने कहा, साजिश कन्नड़ भाषा को कम करने और हिंदी भाषा को चोरी-छिपे लागू करने और अंत में नंदिनी उत्पादों को डुबाने की है। यह नंदिनी का अमूल में विलय सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।
अमूल में नंदिनी के विलय के अमित शाह के बयान की निंदा की गई थी। मैंने भी इसकी निंदा की थी। शांत रहने वाली भाजपा सरकार ने एफएसएसएआई के माध्यम से हिंदी को लागू करना सुनिश्चित किया था। क्या यह कर्नाटक पर भाजपा के प्रभुत्व का प्रदर्शन है?
–आईएएनएस
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