ग्रेटर नोएडा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा को स्वच्छता के शिखर पर पहुंचाने के लिए प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी की पहल का असर दिखने लगा है। कूड़े को निस्तारित करने के लिए ग्रेटर नोएडा के पहले मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर का रविवार को आगाज हो गया। दादरी विधायक तेजपाल नागर और सीईओ रितु माहेश्वरी ने प्राधिकरण, आईपीसीए और एसबीआई की सहभागिता से सेक्टर ज्यू वन में निर्मित इस एमआरएफ सेंटर का शुभारंभ किया। इससे पहले विधायक और सीईओ ने सिटी पार्क स्थित पिंक ट्वॉयलेट समेत कुल आठ शौचालयों का लोकार्पण भी किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने कहा कि किसी भी शहर के लिए कूड़ा का उचित प्रबंधन बहुत जरूरी होता है। ग्रेटर नोएडा ने इस तरफ कदम बढ़ाया है। सीईओ रितु माहेश्वरी के नेतृत्व में नोएडा की तरह ही ग्रेटर नोएडा तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस पहल की सराहना करते इसे पूरे शहर में पहुंचाने का आह्लान किया। विधायक ने कहा कि गांव हो या सेक्टर, सभी जगह के निवासियों को इसका फायदा मिलना चाहिए। विधायक ने ग्रेटर नोएडा को साफ -सुथरा और हरा-भरा शहर बनाने के लिए सीईओ रितु माहेश्वरी के प्रयास की सराहना की।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि इस एमआरएफ केंद्र से रोजाना 10 टन कूड़े को प्रोसेस किया जाएगा। सेक्टर ओमीक्रॉन वन, ओमीक्रॉन वन ए, ओमीक्रॉन टू और ओमीक्रॉन थ्री, बिरौंडा, बिरौंडी व एच्छर स्थित करीब 14,000 घरों से कूड़ा एकत्रित कर उसे सेग्रिगेट कर निस्तारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रोसेस इतना बढ़िया होना चाहिए कि निवेशक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को देखने के लिए इंदौर न जाएं, बल्कि ग्रेटर नोएडा आएं। रितु माहेश्वरी ने ग्रेटर नोएडा के स्वच्छता अभियान से आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों, निवासियों व ग्रामीणों के जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता के बिना कोई भी अभियान सफल नहीं हो सकता। रविवार को एक पिंक समेत 8 ट्वॉयलेट का भी लोकार्पण किया गया। ये पीपीपी मॉडल पर बनाए गए हैं। सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि 12 ट्वॉयलेट पूर्व में बनाए गए थे। 30 ट्वॉयलेट अब बनाए गए हैं। इस तरह अब तक 42 ट्वॉयलेट बन चुके हैं। इनके अलावा 30 और ट्वॉयलेट बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
कूड़े को प्रोसेस कर खाद व अन्य उत्पाद बनेंगे
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से सेक्टर ज्यू वन में निर्मित इस एफआरएफ केंद्र को इंडियन पोल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन और एसबीआई कार्ड की सहभागिता से बनाया गया है। करीब 1.07 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एफआरएफ केंद्र की क्षमता रोजाना 10 टन कूड़े को निस्तारित करने की है। सेक्टर ओमीक्रॉन वन, ओमीक्रॉन वन ए, ओमीक्रॉन टू और ओमीक्रॉन थ्री, बिरौंडा, बिरौंडी व एच्छर स्थित करीब 14,000 घरों से कूड़ा एकत्रित कर उसे सेग्रिगेट कर निस्तारित किया जाएगा। गीले कूड़े को प्रोसेस कर खाद बनाया जाएगा, जबकि सूखे कूड़े को रीसाइकिल कर बेंच, टेबल, डस्टबिन, गुल्लक, बोर्ड आदि उत्पाद बनाए जाएंगे।
–आईएएनएस
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