नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) श्रेणी बाय (इंडियन-आईडीडीएम) के तहत कुल 3,108.09 करोड़ रुपये की लागत से तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों के अधिग्रहण के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी।
जहाजों की डिलीवरी 2026 से शुरू होने वाली है।
ये जहाज भारतीय नौसेना की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए उनके बुनियादी प्रशिक्षण के बाद समुद्र में महिलाओं सहित अधिकारी कैडेटों के प्रशिक्षण को पूरा करेंगे। राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से पोत मित्र देशों के कैडेटों को प्रशिक्षण भी देंगे। जहाजों को लोगों को निकालने और मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
जहाजों को चेन्नई के कट्टुपल्ली में एलएंडटी शिपयार्ड में स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। यह परियोजना साढ़े चार साल की अवधि में 22.5 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित करेगी। यह एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) श्रेणी बाय (इंडियन-आईडीडीएम) के तहत कुल 3,108.09 करोड़ रुपये की लागत से तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों के अधिग्रहण के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी।
जहाजों की डिलीवरी 2026 से शुरू होने वाली है।
ये जहाज भारतीय नौसेना की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए उनके बुनियादी प्रशिक्षण के बाद समुद्र में महिलाओं सहित अधिकारी कैडेटों के प्रशिक्षण को पूरा करेंगे। राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से पोत मित्र देशों के कैडेटों को प्रशिक्षण भी देंगे। जहाजों को लोगों को निकालने और मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
जहाजों को चेन्नई के कट्टुपल्ली में एलएंडटी शिपयार्ड में स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। यह परियोजना साढ़े चार साल की अवधि में 22.5 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित करेगी। यह एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम