नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ केंद्र प्रायोजित योजना- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) को मंजूरी दे दी है।
यह योजना चार राज्यों के 19 जिलों और 46 सीमावर्ती ब्लॉकों और देश की उत्तरी भूमि सीमा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश में आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास और आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी।
यह समावेशी विकास हासिल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या को बनाए रखने में भी मदद करेगा।
पहले चरण में 663 गांवों को कार्यक्रम के तहत शामिल किया जाएगा।
यह योजना उत्तरी सीमा पर सीमावर्ती गांवों के स्थानीय प्राकृतिक मानव और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक चालकों की पहचान करने और विकसित करने में सहायता करती है।
यह विकास कौशल विकास और उद्यमशीलता के माध्यम से सामाजिक उद्यमिता, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के माध्यम से हब एंड स्पोक मॉडल पर केंद्रित होगा।
समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों, एसएचजी, एनजीओ आदि के माध्यम से एक गांव-एक उत्पाद की अवधारणा पर स्थानीय सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देने और टिकाऊ पर्यावरण-कृषि व्यवसायों के विकास के माध्यम से पर्यटन क्षमता का लाभ उठाया जाएगा।
जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान बनाएगा। केंद्र और राज्य की योजनाओं की शत-प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी।
जिन प्रमुख परिणामों का प्रयास किया गया है, वह सभी मौसम वाली सड़कों, पेयजल, चौबीस घंटे बिजली – सौर और पवन ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटन केंद्र, बहुउद्देश्यीय केंद्र और स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र हैं।
4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग सड़कों के लिए किया जाएगा।
–आईएएनएस
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