नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2028-29 के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत अतिरिक्त दो करोड़ आवास गरीबों को उपलब्ध कराएगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक समीक्षा में यह बात कही।
आधिकारिक बयान के अनुसार, इस वर्ष 30 दिसंबर तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 3.33 करोड़ मकान आवंटित करने का संचयी लक्ष्य दिया गया है, जिनमें से 3.22 करोड़ मकान स्वीकृत किए जा चुके हैं और 2.68 करोड़ मकान पूरे हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से 10 लाख से अधिक पीएमएवाई-जी लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की थी।
सरकार के अनुसार, पीएमएवाई-जी लाभार्थियों का सत्यापन करने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए आधार के साथ एकीकृत और एआई-सक्षम फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से लैस एक ई-केवाईसी ऐप का उपयोग किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के अनुसार, अधिक लोगों को इस योजना के दायरे में लाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है और पात्रता पर रोक लगाने वाली शर्तों में से मशीनीकृत दोपहिया वाहन, मशीनीकृत मछली पकड़ने वाली नाव, लैंडलाइन फोन और रेफ्रिजरेटर संबंधी प्रावधानों को हटा दिया गया है।
इसके अलावा अब 15 हजार रुपये प्रति महीने कमाने वाला व्यक्ति भी योजना के लिए पात्र है। पहले यह सीमा 10 हजार रुपये प्रति महीने थी।
पीएमएवाई-जी ने योजना के प्रभावी और पारदर्शी प्रबंधन के लिए नई टेक्नोलॉजी समाधानों को अपनाया है। नए चरण के कार्यान्वयन के साथ पीएमएवाई-जी ने घरों की पहचान से लेकर निर्माण पूरा होने तक की प्रक्रिया में पारदर्शिता को अधिकतम करने के लिए कई सुविधाएं शुरू की हैं।
इस योजना को एंड-टू-एंड ई-गवर्नेंस सॉल्यूशन, ‘आवाससॉफ्ट’ और ‘आवासऐप’ के माध्यम से कार्यान्वित और मॉनिटर किया जा रहा है। ‘आवाससॉफ्ट’ पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए योजना के कार्यान्वयन पहलुओं से संबंधित कई आंकड़ों की डेटा प्रविष्टि और निगरानी के लिए कार्यक्षमता प्रदान करता है। इन आंकड़ों में भौतिक प्रगति, वित्तीय प्रगति के साथ अन्य जानकारियां शामिल हैं।
‘आवास प्लस 2024’ एक अनूठा ऐप है जिसे विशेष रूप से पीएमएवाई-जी के तहत डिजाइन किया गया है, जिसमें आवास टेक्नोलॉजी चयन, चेहरा प्रमाणीकरण, आधार-आधारित ई-केवाईसी, घर का डेटा कैप्चर, मौजूदा घर की स्थिति और निर्माण के प्रस्तावित स्थान एवं मौजूदा घर को जियो टैग की गई फोटो कैप्चर जैसी सुविधाएं हैं। ऐप ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन मोड में भी काम करता है। पीएमएवाईजी के अगले चरण (2024-29) के लिए ‘आवास+ 2024’ ऐप सर्वेक्षण में पात्र परिवारों के लिए “स्व-सर्वेक्षण” सुविधा उपलब्ध है।
–आईएएनएस
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