नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफलता के लिए भाजपा पर हमला बोला।
राघव चड्ढा ने अनुच्छेद-355 और 356 का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार मणिपुर में हस्तक्षेप करना और उसकी रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एन. बीरेन सिंह सरकार को तुरंत हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर लगातार अशांति का सामना कर रहा है, जबकि मोदी सरकार शांति बहाल करने के अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में लगातार विफल हो रही है।
गुरुवार को इंडिया गठबंधन से जुड़े सांसद मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों और क्रूरता की निंदा करने के लिए संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि संकट के समय में मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यह एक प्रतीकात्मक विरोध है। इसका उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा पर चुप्पी अस्वीकार्य है। सरकार को हर हाल में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
संसद में गुरुवार को विपक्ष के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। विपक्षी सांसदों के मुताबिक मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा कराई जाए।
दूसरी ओर सरकार व सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इस मांग को लेकर संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है।