नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने शुक्रवार को कहा कि मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस आदेश को लोकतंत्र की जीत बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश ने साबित कर दिया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल (एल-जी) वी.के. सक्सेना और भाजपा अवैध और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे थे।
केजरीवाल ने ट्वीट में कहा- सुप्रीम कोर्ट का आदेश लोकतंत्र की जीत है। सुप्रीम कोर्ट को बहुत-बहुत धन्यवाद। दिल्ली को अब ढाई महीने बाद मेयर मिलेगा। यह साबित हो गया है कि कैसे एलजी और बीजेपी मिलकर दिल्ली में अवैध और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे थे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए 24 घंटे में दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक बुलाने का नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया है।
भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों के बीच हंगामे के बाद 6 और 24 जनवरी और 6 फरवरी को हुई पिछली तीन बैठकों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना बाकी है। एमसीडी पार्षदों की 6 फरवरी को हुई पिछली बैठक को एल्डरमैन के मताधिकार को लेकर नारेबाजी और हंगामे के बीच अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
एमसीडी के पीठासीन अधिकारी ने कहा था कि मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव एक साथ होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि डीएमसी अधिनियम के अनुसार, एल्डरमैन मेयर और डिप्टी मेयर चुनावों में मतदान करने के पात्र हैं।
–आईएएनएस
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