नैरोबी, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। केन्या ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से देश के भ्रष्टाचार और शासन संबंधी मुद्दों की आधिकारिक समीक्षा करने का आह्वान किया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री के कैबिनेट सचिव मुसालिया मुदवादी, जो विदेश एवं प्रवासी मामलों के कैबिनेट सचिव भी हैं, उन्होंने कहा कि आईएमएफ भ्रष्टाचार और शासन संबंधी जांच करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार केन्याई अर्थव्यवस्था और आजीविका को नुकसान पहुंचाने वाले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सके।
केन्या की राजधानी नैरोबी में मुदावदी ने कहा, “हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को एक कदम और आगे ले जाना होगा और भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में काफी समय लग गया है। हमें खुद से पूछना होगा कि भ्रष्टाचार कहां पनप रहा है, ताकि हम इसका सीधे तौर पर सामना कर सकें।”
यह कदम केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो द्वारा जवाबदेही की मांग कर रहे युवा प्रदर्शनकारियों के दबाव का सामना करने के बाद उठाया गया है। उन्होंने जुलाई में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने वाली खामियों को दूर करने के लिए संबंधित कानून में बदलाव का प्रस्ताव देने का वचन दिया था।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रूटो ने कहा कि कानूनी संशोधनों में भ्रष्ट अधिकारियों और जीवन की उच्च लागत के बीच सरकारी खर्च में विलासिता और अपव्यय दिखाने वालों पर नकेल कसना शामिल होगा।
मुदावदी ने कहा कि निदान हर मंत्रालय और सभी सरकारी संस्थानों में होगा क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को एक नए स्तर पर ले जाएगी। उन्होंने सभी सरकारी अधिकारियों से इस महत्वपूर्ण अभ्यास में शामिल होने का आग्रह किया, जो लोग इसमें भाग नहीं लेंगे, उन्हें जांच का सामना करना पड़ेगा।
आईएमएफ ने सितंबर में केन्या से कराधान सुधारों के बाद बजटीय और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के प्रयासों को तेज करने का आग्रह किया, जिसके कारण जून में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
साल 2025 में समाप्त होने वाली आईएमएफ संवितरण योजना के तहत, केन्या को 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा प्राप्त करनी थी, लेकिन सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद वित्तीय वर्ष 2024/2025 के लिए 31 बिलियन डॉलर के बजट को वित्तपोषित करने के लिए अतिरिक्त 2.7 बिलियन डॉलर जुटाने की अपनी योजना को वापस लेने के बाद इसमें देरी हो गई।
–आईएएनएस
आरके/सीबीटी