तिरुवनंतपुरम, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। विशेष अदालत ने पलक्कड़ जिले के मन्नारक्कड़ में 27 वर्षीय आदिवासी युवक मधु की हत्या के मामले में 16 आरोपियों में से 14 को दोषी करार दिया। यह फैसला उनकी हत्या की पांचवीं बरसी के दो महीने बाद आया। सजा बुधवार को सुनाई जाएगी।
पलक्कड़ के अट्टापडी में चिंदुकुरु के मधु को 22 फरवरी, 2018 को एक दुकान से कुछ सामान चुराने के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था।
कक्षा सात ड्रॉपआउट, मधु ने बढ़ईगीरी सीखी लेकिन फिर खानाबदोश जीवन जीने लगा। वह मैदानों, पहाड़ियों और जंगलों में घूमता रहता था और कभी-कभी अपने घर भी जाया करता था।
मधु की मुसीबत तब शुरू हुई जब एक दुकान से कुछ सामान चोरी हो गया। एक व्यक्ति, जो अक्सर लकड़ी इकट्ठा करने के लिए जंगलों में जाता था, ने स्थानीय लोगों को जंगल की एक गुफा में छिपे एक व्यक्ति के बारे में सूचित किया।
दुकानदार सहित ग्रामीण जंगल पहुंचे, तो पता चला कि यह मधु है।
गुस्साए ग्रामीणों ने मधु को सिर पर भार लादकर करीब 4 किमी तक घुमाया। उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज की।
मुक्कली नामक स्थान पर पहुंचने पर मौके पर पुलिस पहुंची और मधु को थाने ले गई, जहां वह गिर पड़ा और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।
अभियुक्तों के सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के साथ मजबूत राजनीतिक संबंध और विशेष अभियोजक नियुक्त करने में राज्य सरकार की देरी के कारण सुनवाई धीमी हो गई।
एक बिंदु परकेरल उच्च न्यायालय ने भी हस्तक्षेप किया और मुकदमे की गति तेज करने का निर्देश दिया।
जब मुकदमा शुरू हुआ, तो कई गवाह मुकर गए लेकिन मधु की मां और उसकी बहन ने कुछ शुभचिंतकों के समर्थन से केस को बहादुरी से लड़ा।
मधु की बहन ने कहा, हमें धमकियां भी दी गईं, क्योंकि हमने मधु को न्याय दिलाने के लिए पुरजोर कोशिश की। हम खुश हैं कि हम यहां तक पहुंचे हैं और अब हम सजा सुनने का इंतजार कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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