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केरल पुलिस एक बंटा हुआ घर है : कांग्रेस

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May 19, 2023
in राष्ट्रीय
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केरल पुलिस एक बंटा हुआ घर है : कांग्रेस
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तिरुवनंतपुरम, 19 मई (आईएएनएस)। केरल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी. विजयन के अचानक निलंबन को लेकर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य पुलिस में बहुत गुटबाजी चल रही है।

उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

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गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

एसकेपी

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तिरुवनंतपुरम, 19 मई (आईएएनएस)। केरल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी. विजयन के अचानक निलंबन को लेकर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य पुलिस में बहुत गुटबाजी चल रही है।

उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

एसकेपी

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तिरुवनंतपुरम, 19 मई (आईएएनएस)। केरल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी. विजयन के अचानक निलंबन को लेकर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य पुलिस में बहुत गुटबाजी चल रही है।

उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

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तिरुवनंतपुरम, 19 मई (आईएएनएस)। केरल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी. विजयन के अचानक निलंबन को लेकर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य पुलिस में बहुत गुटबाजी चल रही है।

उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

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तिरुवनंतपुरम, 19 मई (आईएएनएस)। केरल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी. विजयन के अचानक निलंबन को लेकर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य पुलिस में बहुत गुटबाजी चल रही है।

उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

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उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

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उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

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उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

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तिरुवनंतपुरम, 19 मई (आईएएनएस)। केरल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी. विजयन के अचानक निलंबन को लेकर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य पुलिस में बहुत गुटबाजी चल रही है।

उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

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उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

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उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

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उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

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उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

एसकेपी

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तिरुवनंतपुरम, 19 मई (आईएएनएस)। केरल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी. विजयन के अचानक निलंबन को लेकर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य पुलिस में बहुत गुटबाजी चल रही है।

उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

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उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

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तिरुवनंतपुरम, 19 मई (आईएएनएस)। केरल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी. विजयन के अचानक निलंबन को लेकर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य पुलिस में बहुत गुटबाजी चल रही है।

उन्होंने कहा, पुलिस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं और सच ये है कि ये काफी बंटा हुआ घर है। आईजीपी पी. विजयन का निलंबन यह साबित करता है कि पुलिस मुख्यालय में कुछ तो गड़बड़ है।

गुरुवार की देर रात बेहद साफ-सुथरे अधिकारी माने जाने वाले विजयन के निलंबन की घोषणा की गई और सतीसन ने इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच विभाजन को जिम्मेदार ठहराया।

निलंबन आदेश के अनुसार, विजयन के खिलाफ आरोप यह था कि वो कोझिकोड में ट्रेन में लगी आग के मामले की जांच के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वो उन अधिकारियों के संपर्क में थे जो आरोपी को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से कोझिकोड ला रहे थे। दिल्ली निवासी शाहरुख सैफी ने 2 अप्रैल को कोझिकोड के पास ट्रेन में आग लगा दी थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर एडीजीपी के. पद्मकुमार को इसकी विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह पता चला है कि आरोपी को लाए जाने की खबर लीक हो गई थी।

26 अप्रैल को विजयन, जो एटीएस के प्रमुख के अलावा, केरल बुक्स एंड पब्लिकेशंस सोसाइटी के भी प्रमुख थे, को दोनों पदों से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।

एनआईए के ट्रेन में आग लगने के मामले की जांच अपने हाथ में लेने के एक हफ्ते बाद उन्हें एटीएस प्रमुख के पद से भी हटा दिया गया।

इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि मन की बात के 100वें संस्करण में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा चुने गए 100 लोगों में विजयन भी शामिल थे, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली।

–आईएएनएस

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