कोच्चि, 10 जुलाई (आईएएनएस)। केरल उच्च न्यायालय ने वेतन वृद्धि के लिए सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीआईटीयू) के विरोध प्रदर्शन के बीच एक बस मालिक के पक्ष में पारित सुरक्षा आदेश को ठीक से लागू न करने को लेकर सोमवार को कोट्टायम के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई।
बस मालिक पर जिस ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने हमला किया था, उन्होंने दावा किया था कि आखिरी वेतन वृद्धि पांच साल पहले हुई थी, वेतन बढ़ाने के लिए सहमत हाेेेने के बाद वेतन को संशोधित नहीं किया गया। जिसके विरोध में प्रदर्शन शुरू किया गया।
सीटू ने मोहन की बसों के सामने विरोध झंडे लगा दिए थे, जिसके बाद उन्होंने परिचालन फिर से शुरू करने के लिए अदालत से सुरक्षा मांगी थी। लेकिन जब उन्होंने सुरक्षा आदेश के बावजूद सेवाएं फिर से शुरू करने की कोशिश की, तो सीटू कर्मियों ने उन पर हमला कर दिया। पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही।
यह घटना मीडिया में सामने आई, जिसके बाद न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई शुरू की।
सोमवार को अदालत ने कहा, ”मोहन के साथ सीटू कार्यकर्ताओं ने मारपीट की, जबकि छह पुलिस अधिकारी देख रहे थे। “थप्पड़ याचिकाकर्ता के गाल पर नहीं था, वह थप्पड़ उच्च न्यायालय पर था।”
जिला पुलिस प्रमुख, कोट्टायम, और स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) व्यक्तिगत रूप से अदालत के सामने पेश हुए और मामले में स्पष्टीकरण दिया।
अदालत ने अब एसएचओ और पुलिस उपाधीक्षक को घटना की जांच के संबंध में अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
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