कोच्चि, 22 मार्च (आईएएनएस)। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वरिष्ठ सरकारी वकील पी.जी. मनु को जमानत दे दी।
31 जनवरी को उन्होंने आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में राहत देने से इनकार कर दिया था। दरअसल, उनके एक क्लाइंट ने उन पर रेप का आरोप लगाया था।
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा, “बात यह है कि याचिकाकर्ता इस अदालत के एक वरिष्ठ सरकारी वकील हैं और उन्होंने एक असहाय महिला का यौन शोषण किया, जो एक मामले को निपटाने के लिए उनके पास आई थी। यह एक गंभीर मामला है। याचिकाकर्ता ने पीड़िता पर हावी हेने की कोशिश की, उसका यौन शोषण किया, रेप किया और उसे लगातार अश्लील वीडियो भेजे।”
वहीं, शुक्रवार को कोर्ट ने मनू को यह कहकर जमानत दे दी कि इस मामले में जारी जांच संपन्न हो चुकी है, इसे ध्यान में रखते हुए हमने उन्हें जमानत देने का फैसला किया है।
अदालत ने मनु को हर महीने के पहले शनिवार को दोपहर 3 बजे जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए इतनी ही राशि के दो सॉल्वेंट ज़मानत के साथ दो लाख रुपये का बांड भरने को कहा। जब तक महत्वपूर्ण गवाहों की जांच नहीं हो जाती, तब तक उन्हें जांच अधिकारी के समक्ष रिपोर्ट करने के अलावा, मुकदमा खत्म होने तक चोट्टानिकारा पुलिस स्टेशन (एर्नाकुलम जिला) की सीमा में प्रवेश नहीं करना है।
–आईएएनएस
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