कोच्चि, 24 फरवरी (आईएएनएस)। केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि स्कूलों को मूल्य आधारित शिक्षा देनी चाहिए ताकि बच्चे जिम्मेदार और सुरक्षित बनना सीखें।
कोर्ट ने गुरुवार को लड़कों और लड़कियों के लिए भेदभावपूर्ण हॉस्टल कर्फ्यू टाइमिंग को लेकर 2022 में दायर एक याचिका पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की।
याचिका में, कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों के सभी प्रिंसिपलों और अन्य संबंधित अधिकारियों को 6 दिसंबर, 2022 के सरकारी आदेश के अनुसार कार्य करने का निर्देश देते हुए निर्णय पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए गेट बंद करने का समय रात 9.30 बजे होगा।
अदालत ने इस मामले पर खुली चर्चा करने और विभिन्न राय सुनने के लिए इस मामले को खुला रखा था। इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि वह नहीं चाहती कि लड़के-लड़कियों को बंद रखा जाए, लेकिन जो घटनाएं हो रही हैं, वह बेशक चिंता का विषय हैं।
यह उस मामले को एक हालिया समाचार रिपोर्ट से जोड़ रहा था जिसमें कहा गया था कि कक्षा 9 की एक छात्रा उन लोगों के लिए ड्रग्स की वाहक पाई गई थी, जिनसे वह सोशल मीडिया पर मिली थी। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा, ड्रग्स कोई जीवन नहीं है। बच्चों को यह समझना चाहिए। मूल्य आधारित शिक्षा शुरू होनी चाहिए। इस पीढ़ी को खुद की रक्षा करनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह स्कूली छात्रा कथित तौर पर तीन साल से ड्रग गिरोह में शामिल थी और कक्षा 7 से ही ड्रग्स का इस्तेमाल कर रही थी। यह घटना तब सामने आई जब लड़की की मां ने उसके हाथों पर कट के निशान देखे और बाद में उसे स्कूल जाते समय अजनबियों से बात करते देखा। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को सूचित किया और बाद में कोझिकोड सिटी मेडिकल कॉलेज पुलिस स्टेशन में चाइल्डलाइन और सहायक पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई।
फिलहाल इस मामले की जांच विशेष जांच दल कर रहा है। न्यायाधीश ने कहा कि वह नहीं चाहते कि लड़कियों और लड़कों को बंद कर दिया जाए, लेकिन जो घटनाएं हो रही हैं, वह निस्संदेह चिंताजनक हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि महिलाओं और पुरुषों को बंद कर दिया जाना चाहिए। मैं नियंत्रण के पक्ष में नहीं हूं लेकिन जो चीजें हो रही हैं उन्हें देखकर..हम चिंतित हैं। मैं जो कह रहा हूं वह बच्चों को पसंद नहीं आ सकता। स्वतंत्रता यह नहीं है कि आप जो चाहें कर सकते हैं बल्कि यह है कि आपको क्या करना चाहिए। अदालत ने मामले को 10 दिनों के बाद सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।
–आईएएनएस
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