कोच्चि, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को वायलिन वादक बालाभास्कर की आकस्मिक मौत की आगे की जांच करने का निर्देश दिया।
अदालत ने यह आदेश लोकप्रिय वायलिन वादक के पिता के.सी. उन्नी की याचिका पर दिया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके बेटे की आकस्मिक मौत की एजेंसी की जांच फूलप्रूफ नहीं थी और उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप की मांग की थी।
गुरुवार को याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने मौत की आगे की जांच के आदेश दिये।
कोर्ट ने सीबीआई को तीन महीने के भीतर आगे की जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
यह दुर्घटना 2018 में जिला तुरुवनंतपुरम् में हुई थी।
पिछले साल जून में, तिरुवनंतपुरम् की एक स्थानीय अदालत ने सीबीआई की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसमें इसे “आकस्मिक” मौत बताया गया था और अन्यथा साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं था।
क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट ने भी निष्कर्ष निकाला था कि यह एक सड़क दुर्घटना थी जो ड्राइवर की लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण हुई थी।
लेकिन उन्नी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया। अदालत के ताजा आदेश पर उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे की मौत के बारे में सच्चाई जानना चाहते हैं।
उन्नी ने कहा, “मेरे पास यह मानने के कारण हैं कि कहीं कुछ गलत हुआ है और इसलिए मैं सच्चाई जानना चाहता हूं। मुझे संदेह है कि कोई साजिश हुई है और वित्तीय मुद्दे भी हैं। यह कोई सामान्य मौत नहीं थी।”
बालाभास्कर (40) दुर्घटना के दिन 25 सितंबर 2018 की सुबह अपनी पत्नी और दो साल की बेटी के साथ त्रिशूर से राज्य की राजधानी जा रहे थे, जब उनकी कार राजधानी के बाहरी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
जहां बेटी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बालाभास्कर ने सात दिन बाद 2 अक्टूबर को दम तोड़ दिया।
उनकी पत्नी और ड्राइवर घायल हो गए।
दुर्घटना के तुरंत बाद यह मुद्दा सामने आया कि दुर्घटना के समय कार कौन चला रहा था। कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि चालक गाड़ी चला रहा था, जबकि अन्य ने कहा कि बालाभास्कर स्वयं कार चला रहा था।
दिसंबर 2019 में उनके पिता ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से संपर्क किया और सीबीआई जांच के लिए मदद मांगी।
सरकार ने बाद में सीबीआई जांच की मांग की, और बालाभास्कर की मृत्यु के 22 महीने बाद सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में लिया, इसकी विस्तार से जांच की और फिर मौत को “आकस्मिक” बताते हुए अपनी रिपोर्ट सौंपी।
इस रिपोर्ट के खिलाफ ही उन्नी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
–आईएएनएस
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