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Home राष्ट्रीय

केवल ‘मुरली’ से काम नहीं चलेगा, सुरक्षा के लिए ‘सुदर्शन’ भी जरूरी : सीएम योगी

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September 16, 2024
in राष्ट्रीय
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केवल ‘मुरली’ से काम नहीं चलेगा, सुरक्षा के लिए ‘सुदर्शन’ भी जरूरी : सीएम योगी
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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

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उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

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वेस्ट त्रिपुरा, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में मां सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको ध्यान रखना होगा कि ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः’ यानी ‘अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी भी रक्षा करेगा। अगर अपने स्वार्थ के लिए हम अपने धर्म का बलिदान करेंगे तो धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा।’

सीएम योगी ने कहा कि आज हम पूरे देश के अंदर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप में एक मजबूत देश के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प, सामर्थ्य और उनकी विजनरी लीडरशिप एक यात्रा के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब ये भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हम सबके सामने आती है तो एक हाथ में मुरली है दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है, ”सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्रीश्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। कुछ लोगों को मंदिर के बन जाने से बुरा लग रहा है, जिन्हें बुरा लग रहा है, उनका हम क्या कर सकते हैं। हम भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। ये तीनों स्थल जैसे आज पूज्य हैं, उसी रूप में आगे भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सनातन धर्म ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की बात करता है, लेकिन ये तभी संभव है, जब हम सुरक्षित रहेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस द्वारा चलाई गई दुर्वयसंधि के शिकार होते रहेंगे तो कांग्रेस देश का विभाजन कराएगी, हिंदुओं का कत्लेआम कराएगी, उन्हें जातियों में बांटकर लड़ाएगी और भारत की परंपरा-संस्कृति को नष्ट एवं भ्रष्ट कर देगी। आरएसएस की बात सच साबित हुई और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश का विभाजन कराया। 1905 में बंगभंग आंदोलन के दौरान अगर बंगाल विरोध नहीं करता तो सबको पता है कि उस समय देश में क्या होता।

उन्होंने कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद अपनी सेवा का प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में विद्याभारती के माध्यम से हजारों शिक्षण संस्थानों एवं सेवा के प्रकल्पों का संचालन कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन कर रहा है। श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में गोरखपुर में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ किया था, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के बच्चे जाकर शिक्षा प्राप्त करते थे।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले पर्व और त्योहार के दौरान दंगे होते थे। आज हमने उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर दे दिया है। मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है। पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाया था। शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए, भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है।

–आईएएनएस

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