तिरुवनंतपुरम, 11 मार्च (आईएएनएस)। केरल कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस (केसीबीसी) ने एक नाटक (प्ले)- कक्कुकली पर रोष व्यक्त किया है, जिसे वह ईसाई धर्म का अपमान बताते हैं। हालांकि, कम्युनिस्टों के एक वर्ग और प्ले से जुड़े लोगों का कहना है कि यह स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के अलावा और कुछ नहीं है।
नाटक का मंचन अलापुझा स्थित नेथल नाटक संघम द्वारा किया गया है, जिसे के.बी. अजयकुमार ने लिखा है और जॉब मडाथिल द्वारा निर्देशित किया गया है। यह अपने साम्यवादी पिता की इच्छा के विरुद्ध नन बनने वाली लड़की द्वारा सामना किए गए दर्द और पीड़ा को बताती है।
केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल बेसेलियोस क्लेमिस ने नाटक की निंदा करते हुए कहा कि यह केरल के सांस्कृतिक ताने-बाने के खिलाफ था और इसका मंचन राज्य की संस्कृति पर एक धब्बा था। उन्होंने राज्य सरकार से इसके मंचन पर रोक लगाने की मांग की है।
लेकिन, प्ले के निर्देशक मैडाथिल ने कहा कि अब तक वह 15 जगहों पर इसका मंचन कर चुके हैं। उन्होंने इसके साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। समस्या तब शुरू हुई जब केसीबीसी-प्रो लाइफ के एक समर्थक संगठन ने विरोध किया, जिसने त्रिशूर में गुरुवायूर की नगर पालिका के सांस्कृतिक कार्यक्रम में मंचित होने पर विद्रोह का बैनर उठाया।
हालांकि, सीपीआई की युवा शाखा एआईवाईएफ ने प्ले के समर्थन में कहा है कि अगर प्ले के निर्माता इसे त्रिशूर में मंचित करना चाहते हैं, तो वह इसके लिए समर्थन देंगे।
–आईएएनएस
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