नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को कैग रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मामला है कि कैग (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट को डेढ़ साल से दबा कर रखा गया।
उन्होंने कहा, “रिपोर्ट के बारे में हमारी लगातार मांग है कि इसे हमारे एडवोकेट्स के माध्यम से सार्वजनिक किया जाए और इसे सदन के पटल पर लाया जाए। सरकार इस रिपोर्ट को बार-बार दबाने की कोशिश कर रही है, जो न्यायपूर्ण नहीं है। यह कार्रवाई संविधान के खिलाफ है, और इसे असंवैधानिक माना जा सकता है, क्योंकि यह संविधान के तहत लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करती है।”
उन्होंने कहा, “हमने सरकार को स्पष्ट रूप से चुनौती दी है कि वह 48 घंटों के भीतर इस रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के पटल पर लाए। इसके लिए सदन की बैठक बुलाने की भी मांग की है।”
उन्होंने कहा, “अगर आम आदमी पार्टी की सरकार इस रिपोर्ट को लेकर अपनी नीतियों से पीछे नहीं हटती, तो हम भारतीय जनता पार्टी के सदस्य चुप नहीं बैठेंगे। हम संघर्ष करते रहेंगे, जब तक यह रिपोर्ट जनता तक नहीं पहुंच जाती।”
उन्होंने कहा, “अगर हमें फिर से अदालत में आना पड़े, तो हम आएंगे। हमारा दृढ़ निश्चय है कि इस रिपोर्ट को जनता तक पहुंचाया जाए। हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे, जब तक यह रिपोर्ट जनता के हाथों में नहीं आ जाती।”
इससे पहले, दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था, “केजरीवाल ने सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए थे कि सरकार ने सार्वजनिक वित्त का दुरुपयोग किया था और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया था। केजरीवाल की यह शिकायत विशेष रूप से पावर डिस्कॉम और बिजली कंपनियों के खातों के बारे में थी। इसी आधार पर उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना की और जनलोकपाल बिल की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था।”
उन्होंने कहा था, “जब अरविंद केजरीवाल खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, तो उनका रुख बदल गया। यह एक बहुत बड़ी विडंबना है कि जिस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी, वही रिपोर्ट अब उनके लिए एक चुनौती बन गई है। अरविंद केजरीवाल अब 12 साल पुरानी सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से बच रहे हैं, जबकि उन्होंने पहले इसी रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया था।”
–आईएएनएस
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