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कैबिनेट ने चिप प्रौद्योगिकी पर यूरोपीय संघ के साथ समझौते को दी मंजूरी

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January 18, 2024
in अर्थजगत
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कैबिनेट ने चिप प्रौद्योगिकी पर यूरोपीय संघ के साथ समझौते को दी मंजूरी
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नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईयू-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) ढांचे के तहत सेमीकंडक्टर्स इकोसिस्टम, इसकी आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार पर कार्य व्यवस्था पर केंद्र और यूरोपीय आयोग के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

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आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

–आईएएनएस

सीबीटी/

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नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईयू-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) ढांचे के तहत सेमीकंडक्टर्स इकोसिस्टम, इसकी आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार पर कार्य व्यवस्था पर केंद्र और यूरोपीय आयोग के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईयू-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) ढांचे के तहत सेमीकंडक्टर्स इकोसिस्टम, इसकी आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार पर कार्य व्यवस्था पर केंद्र और यूरोपीय आयोग के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईयू-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) ढांचे के तहत सेमीकंडक्टर्स इकोसिस्टम, इसकी आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार पर कार्य व्यवस्था पर केंद्र और यूरोपीय आयोग के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

–आईएएनएस

सीबीटी/

नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईयू-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) ढांचे के तहत सेमीकंडक्टर्स इकोसिस्टम, इसकी आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार पर कार्य व्यवस्था पर केंद्र और यूरोपीय आयोग के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईयू-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) ढांचे के तहत सेमीकंडक्टर्स इकोसिस्टम, इसकी आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार पर कार्य व्यवस्था पर केंद्र और यूरोपीय आयोग के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।”

समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से लागू होता है और तब तक जारी रह सकता है, जब तक दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस उपकरण में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

यह समझौता सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए जी2जी (सरकार से सरकार) और बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) दोनों द्विपक्षीय सहयोग को शामिल करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम भारत में एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/असतत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है।

इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को चलाने के लिए डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।

इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन और समझौते किए हैं।

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