रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
–आईएएनएस
एसएनसी/एएनएम
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
–आईएएनएस
एसएनसी/एएनएम
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
–आईएएनएस
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।
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रांची, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कैश देकर पीआईएल मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में एक अन्य आरोपी वकील राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। अमित अग्रवाल पर पीआईएल मैनेज करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि झारखंड में पीआईएल मैन के रूप में चर्चित रहे रांची हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने बीते 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल से उनके खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे और फिर एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई, उसका भुगतान अमित अग्रवाल ने इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।
बड़ी रकम की लेनदेन के इस मामले में 10 अगस्त को ईडी ने भी केस दर्ज किया और कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एडवोकेट राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो एडवोकेट राजीव कुमार को 50 लाख रुपए देने वाले और उनके खिलाफ कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग का अभियुक्त बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अग्रवाल पिछले तीन माह से रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि जबरन वसूली के मामले में वे एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे और उन्हीं की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने उल्टे उन्हें आरोपी बना दिया। बता दें कि कैश फॉर पीआईएल के इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी।