नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने यानी कैश फ़ॉर क्वेरी का मामला एक बार फिर से गर्माता जा रहा है। इस बार इस आरोप की जद में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की तेजतर्रार लोक सभा सांसद महुआ मोइत्रा नजर आ रही हैं।
मामले की जानकारी सार्वजनिक होते ही भाजपा लोक सभा सांसद निशिकांत दुबे ने लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर इस मामले को वर्ष 2005 की तरह गंभीर बताते हुए इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए जांच समिति बनाने, महुआ मोइत्रा को तुरंत सदन से निलंबित करने और जांच समिति की रिपोर्ट आने तक उन्हें निलंबित रखने की मांग की है।
निशिकांत दुबे ने एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई से मिले पत्र का हवाला देते हुए स्पीकर बिरला को लिखा है कि महुआ मोइत्रा ने सदन में सवाल पूछने के लिए एक बिज़नेस टाइकून से कैश और गिफ्ट लिया।
दुबे ने इसे ‘विशेषाधिकार का उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और आईपीसी की धारा 120-ए के तहत क्रिमिनल ऑफेंस करार देते हुए कहा कि टीएमसी सांसद ने इसके बदले में अदानी समूह से जुड़े प्रश्नों को संसद में पूछा। यहां तक कि बार-बार इसे सरकार से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा ताकि कोई उनकी मंशा पर सवाल न उठा सके।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसकेपी
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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने यानी कैश फ़ॉर क्वेरी का मामला एक बार फिर से गर्माता जा रहा है। इस बार इस आरोप की जद में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की तेजतर्रार लोक सभा सांसद महुआ मोइत्रा नजर आ रही हैं।
मामले की जानकारी सार्वजनिक होते ही भाजपा लोक सभा सांसद निशिकांत दुबे ने लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर इस मामले को वर्ष 2005 की तरह गंभीर बताते हुए इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए जांच समिति बनाने, महुआ मोइत्रा को तुरंत सदन से निलंबित करने और जांच समिति की रिपोर्ट आने तक उन्हें निलंबित रखने की मांग की है।
निशिकांत दुबे ने एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई से मिले पत्र का हवाला देते हुए स्पीकर बिरला को लिखा है कि महुआ मोइत्रा ने सदन में सवाल पूछने के लिए एक बिज़नेस टाइकून से कैश और गिफ्ट लिया।
दुबे ने इसे ‘विशेषाधिकार का उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और आईपीसी की धारा 120-ए के तहत क्रिमिनल ऑफेंस करार देते हुए कहा कि टीएमसी सांसद ने इसके बदले में अदानी समूह से जुड़े प्रश्नों को संसद में पूछा। यहां तक कि बार-बार इसे सरकार से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा ताकि कोई उनकी मंशा पर सवाल न उठा सके।
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मामले की जानकारी सार्वजनिक होते ही भाजपा लोक सभा सांसद निशिकांत दुबे ने लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर इस मामले को वर्ष 2005 की तरह गंभीर बताते हुए इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए जांच समिति बनाने, महुआ मोइत्रा को तुरंत सदन से निलंबित करने और जांच समिति की रिपोर्ट आने तक उन्हें निलंबित रखने की मांग की है।
निशिकांत दुबे ने एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई से मिले पत्र का हवाला देते हुए स्पीकर बिरला को लिखा है कि महुआ मोइत्रा ने सदन में सवाल पूछने के लिए एक बिज़नेस टाइकून से कैश और गिफ्ट लिया।
दुबे ने इसे ‘विशेषाधिकार का उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और आईपीसी की धारा 120-ए के तहत क्रिमिनल ऑफेंस करार देते हुए कहा कि टीएमसी सांसद ने इसके बदले में अदानी समूह से जुड़े प्रश्नों को संसद में पूछा। यहां तक कि बार-बार इसे सरकार से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा ताकि कोई उनकी मंशा पर सवाल न उठा सके।
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मामले की जानकारी सार्वजनिक होते ही भाजपा लोक सभा सांसद निशिकांत दुबे ने लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर इस मामले को वर्ष 2005 की तरह गंभीर बताते हुए इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए जांच समिति बनाने, महुआ मोइत्रा को तुरंत सदन से निलंबित करने और जांच समिति की रिपोर्ट आने तक उन्हें निलंबित रखने की मांग की है।
निशिकांत दुबे ने एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई से मिले पत्र का हवाला देते हुए स्पीकर बिरला को लिखा है कि महुआ मोइत्रा ने सदन में सवाल पूछने के लिए एक बिज़नेस टाइकून से कैश और गिफ्ट लिया।
दुबे ने इसे ‘विशेषाधिकार का उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और आईपीसी की धारा 120-ए के तहत क्रिमिनल ऑफेंस करार देते हुए कहा कि टीएमसी सांसद ने इसके बदले में अदानी समूह से जुड़े प्रश्नों को संसद में पूछा। यहां तक कि बार-बार इसे सरकार से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा ताकि कोई उनकी मंशा पर सवाल न उठा सके।
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निशिकांत दुबे ने एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई से मिले पत्र का हवाला देते हुए स्पीकर बिरला को लिखा है कि महुआ मोइत्रा ने सदन में सवाल पूछने के लिए एक बिज़नेस टाइकून से कैश और गिफ्ट लिया।
दुबे ने इसे ‘विशेषाधिकार का उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और आईपीसी की धारा 120-ए के तहत क्रिमिनल ऑफेंस करार देते हुए कहा कि टीएमसी सांसद ने इसके बदले में अदानी समूह से जुड़े प्रश्नों को संसद में पूछा। यहां तक कि बार-बार इसे सरकार से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा ताकि कोई उनकी मंशा पर सवाल न उठा सके।
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