मुंबई, 11 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय टेलीविजन और सिनेमा के एक ऐसे कलाकार, जिनका नाम सुनते ही हमें ‘महाभारत’ का शक्तिशाली ‘दुर्योधन’ याद आ जाता है, वह हैं पुनीत इस्सर। अपनी दमदार आवाज, विशाल कद-काठी और अभिनय की गहराई से उन्होंने न सिर्फ दर्शकों के दिलों पर राज किया, बल्कि एक ऐसा किरदार अमर कर दिया, जिसकी कल्पना किए बिना उनका नाम अधूरा है।
हालांकि, उनका करियर अमिताभ बच्चन के साथ हुई एक दुर्घटना से लेकर कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है, लेकिन पुनीत इस्सर ने हर चुनौती को पार करते हुए एक अभिनेता, निर्देशक और लेखक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
पुनीत इस्सर एक भारतीय अभिनेता, लेखक, निर्देशक और मार्शल आर्टिस्ट हैं, जिनका जन्म 6 नवंबर 1959 को पंजाब में हुआ। पुनीत इस्सर ने ‘कुली’ (1983), ‘बॉर्डर’, और ‘गांधी टू हिटलर’ जैसी फिल्मों में काम किया, वहीं ‘बिग बॉस-8’ में बतौर कंटेस्टेंट भी दिखाई दिए। इसके अलावा, उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन भी किया, जिनमें ‘आई एम सिंह’, ‘गर्व’, और ‘हीरो: द लव स्टोरी ऑफ अ स्पाई’ शामिल हैं।
पुनीत इस्सर को लोग ‘महाभारत’ टीवी सीरियल में ‘दुर्योधन’ की दमदार भूमिका निभाने के लिए याद करते हैं। भारतीय टेलीविजन के इतिहास में, बी.आर. चोपड़ा की ‘महाभारत’ को सिर्फ एक शो के रूप में नहीं, बल्कि एक धार्मिक घटना के रूप में याद किया जाता है। इस महागाथा के हर किरदार को उसके कलाकार ने अपनी आत्मा से जिया था, पुनीत इस्सर भी उन्हीं में से एक हैं। पुनीत इस्सर को यह रोल कैसे मिला था, इसका किस्सा भी दिलचस्प है। यह किस्सा उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था।
जब बी.आर. चोपड़ा ने ‘महाभारत’ के लिए कलाकारों का चयन शुरू किया, तो पुनीत इस्सर ने भीम के किरदार के लिए ऑडिशन दिया था। अपनी विशाल कद-काठी और शानदार कद-काठी की वजह से वह इस रोल के लिए बिलकुल फिट थे। हालांकि, पुनीत का दिल दुर्योधन के किरदार पर अटका हुआ था।
उन्हें दुर्योधन का किरदार ज्यादा पसंद था, क्योंकि वे जानते थे कि यह किरदार सिर्फ ताकत का नहीं, बल्कि अहंकार, कूटनीति और एक गहरी मनोवैज्ञानिक जटिलता का प्रतीक था। जब उन्होंने चोपड़ा से दुर्योधन का किरदार मांगा, तो उन्हें बताया गया कि दुर्योधन के लिए उनका शरीर बहुत विशाल है।
इस बात से पुनीत निराश नहीं हुए, बल्कि उन्होंने एक साहसी फैसला लिया। उन्होंने अपने आप को दुर्योधन के दुबले-पतले और तेज-तर्रार लुक में ढालने के लिए बहुत मेहनत की। पुनीत ने कई दिनों तक अपनी डाइट कम की और मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करके अपने शरीर को सुडौल और फुर्तीला बनाया। उनका मकसद था दुर्योधन के किरदार के लुक में खुद को ढालना।
कई दिनों के बाद जब पुनीत इस्सर दोबारा बी.आर. चोपड़ा के पास गए, तो चोपड़ा उन्हें एक पल के लिए पहचान नहीं पाए। जब उन्हें पता चला कि यह वही पुनीत हैं, तो वह उनकी लगन और समर्पण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने बिना सोचे-समझे उन्हें दुर्योधन का रोल दे दिया। पुनीत की यह मेहनत रंग लाई और दुर्योधन का किरदार आज भी उनकी पहचान है।
–आईएएनएस
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