बेंगलुरु, 2 मार्च (आईएएनएस)। कर्नाटक सरकार की कॉक्लियर इंप्लांट योजना के तहत इस साल अब तक 115 बच्चों का ऑपरेशन किया जा चुका है। राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ के. सुधाकर ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि ऐसे उपायों के माध्यम से कान और सुनने की देखभाल को प्राथमिकता दी गई है। विश्व श्रवण दिवस (वल्र्ड हियरिंग डे) हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है और इस वर्ष की थीम कान और सुनने की देखभाल सभी के लिए, आइए इसे हकीकत बनाएं है।
सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कान की देखभाल, प्राथमिक चिकित्सा और स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके माध्यम से कान की देखभाल और सुनने की देखभाल को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में विलय किया जा रहा है। 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में गंभीर सुनने की समस्या को दूर करने के लिए एक कर्णावत प्रत्यारोपण योजना शुरू की गई है।
इस पहल के तहत, इस वर्ष 115 बच्चों का ऑपरेशन किया गया है और शेष 577 लाभार्थी कॉक्लियर सर्जरी की तैयारी के लिए विभिन्न राज्यों में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 430 मिलियन लोग सुनने की समस्या से पीड़ित हैं।
यह संख्या 2050 तक 700 मिलियन को पार कर सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य में नेशनल हियरिंग लॉस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन प्रोग्राम 2008-09 में लागू किया गया था और सभी जिलों में इंस्ट्रूमेंटेशन और सर्जरी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पिछले पांच वर्षों के दौरान एनपीपीसीडी कार्यक्रम के माध्यम से 2,00,305 बधिर (बहरे) और 35,418 गंभीर रूप से बधिर लोगों की पहचान की गई है। 5 साल से कम उम्र के 2,381 बच्चों को सुनने की गंभीर समस्या है। राज्य में सभी ईएनटी विशेषज्ञों की मदद से कान की समस्याओं की 10,213 सर्जरी की गई। मंत्री ने कहा कि 11,857 लाभार्थियों को श्रवण यानी सुनने के यंत्र दिए गए हैं।
इस वल्र्ड हियरिंग डे पर सभी जिलों में हियरिंग जांच शिविर का आयोजन कर उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में, जो गंभीर श्रवण दोष से पीड़ित हैं, उनकी पहचान की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर उनकी कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की जाएगी। मंत्री ने बताया कि दिव्यांगों के अधिकारिता विभाग और अन्य संस्थाओं के माध्यम से श्रवण (सुनने) यंत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।
कोई भी व्यक्ति जो 20 डीएल से नीचे की आवाज नहीं सुन सकता है, उसके कम सुनने की संभावना है। कम सुनने की समस्या किसी भी उम्र में कई कारणों से हो सकती है।
–आईएएनएस
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