चेन्नई, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को कॉर्पोरेट कानूनों में संशोधन के लिए बार-बार संसद जाने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, क्योंकि यह उन्हें ठीक करने और इन कानूनों को और मजबूत बनाने के लिए है, प्रक्रिया को जोड़ने का उद्देश्य कानूनों को चुनौतियों के साथ-साथ उद्योग की हमेशा बदलती आवश्यकताओं को पूरा करना है।
सीतारमण ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के पुनर्निर्मित परिसर का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य बार-बार संसद जाने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाते थे लेकिन सरकार उन्हें कॉर्पोरेट कानूनों में इस तरह के लगातार संशोधन की आवश्यकता के बारे में समझाने में सक्षम है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) और नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में रिक्तियों को भरने के बारे में कुछ तिमाहियों में नाराजगी को गंभीरता से लिया था और अब बहुत सारी नियुक्तियां हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य देश को अपनी व्यावसायिक गतिविधियों में और अधिक पारदर्शी बनाना और निवेशकों का पूर्ण रूप से विश्वास हासिल करना था। मंत्री ने कहा कि सरकार इसे हासिल करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है।
एनसीएलएटी के चेयरमैन अशोक भूषण ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में भारत अब दुनिया में 62वें स्थान पर है जो 2015 में 142वें स्थान पर था। उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरणों द्वारा वाणिज्यिक मामलों के समय पर और प्रभावी निपटान से सभी हितधारकों को मदद मिली है।
एनसीएलएटी के अध्यक्ष ने मंत्री से अपीलीय निकाय की चेन्नई पीठ में एक और न्यायिक और तकनीकी सदस्य नियुक्त करने का भी अनुरोध किया। एनसीएलएटी के न्यायिक सदस्य एम. वेणुगोपाल ने कहा कि एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ ने 25 जनवरी, 2021 को इसकी स्थापना के बाद से दायर की गई 1,480 अपीलों में से 562 का निस्तारण किया।
–आईएएनएस
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