जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे, कोटा मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक की अध्यक्षता में कोटा मंडल की संकेत एवं दूर संचार गति शक्ति इकाई द्वारा एक वर्चुअल जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार का उद्देश्य लोको निरीक्षकों और लोको पायलटों को कवच तकनीक के प्रभावी उपयोग के प्रति जागरूक करना था.
सेमिनार में कोटा मंडल और क्षेत्रीय रेलवे प्रक्षिक्षण संस्थान उदयपुर के यातायात, विद्युत, परिचालन और संकेत एवं दूर संचार विभाग के 10 अधिकारी, निरीक्षक, सुपरवाइजर और प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया. इसके साथ ही इस सेमिनार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्षेत्रीय रेलवे प्रक्षिक्षण संस्थान उदयपुर में प्रशिक्षण कर रहे कुल 613 रेलकर्मियों जिसमें लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर, पॉइंट्समैन, आपदा प्रबंधन स्टाफ, जेई सिग्नल और सिग्नल तकनीशियन भी जुड़े.
दो घंटे से अधिक चले इस मैराथन सत्र में प्रतिभागियों ने कवच तकनीक के उपयोग और विभिन्न परिस्थितियों में इसके व्यवहार से संबंधित अपनी शंकाओं और सवालों को रखा. इनका समाधान कोटा संकेत एवं दूर संचार गतिशक्ति यूनिट ने प्रायोगिक वीडियो और चित्र प्रस्तुति के माध्यम से किया गया.
इस सेमिनार के माध्यम से प्रतिभागियों को कवच तकनीक के सही उपयोग और इसके लाभों की विस्तृत जानकारी दी गई. इस पहल को रेलवे सुरक्षा और संचालन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है. इससे कोटा-मथुरा खंड में परिचालन, सुरक्षा और संरक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा. संचालन टीम से अनुरोध किया गया कि कोटा-मथुरा खंड में ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) की पूरी क्षमता का उपयोग सुनिश्चित किया जाए.