कोलकाता, 21 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता के सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बुधवार को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों की तैनाती शुरू हो गई।
यह तैनाती सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद की गई है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस महीने की शुरुआत में महिला जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना वाले अस्पताल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को तैनात किया जाए।
सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक के. प्रताप अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ सुबह आरजी कर पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि वे सीआईएसएफ कर्मियों की तैनाती के संबंध में अस्पताल अधिकारियों से चर्चा करने पहुंचे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने आर.जी. कर परिसर में केंद्रीय बलों की तैनाती की आवश्यकता को स्वीकार किया था। अदालत के संज्ञान में यह बात लाई गई थी कि 14 अगस्त की मध्यरात्रि को बाहरी असामाजिक तत्वों द्वारा आपातकालीन विभाग में की गई तोड़फोड़ के बाद अधिकांश रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल का छात्रावास खाली कर दिया था।
कोर्ट ने अस्पताल परिसर में रेजिडेंट डॉक्टरों को सुरक्षित वातावरण प्रदान कर उनमें विश्वास पैदा करने की आवश्यकता को भी स्वीकार किया।
मंगलवार शाम को पश्चिम बंगाल सरकार ने विभिन्न राज्य संचालित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सुरक्षा पर्यवेक्षक के रूप में सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों और भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों के सेवानिवृत्त कर्मियों की नियुक्ति की घोषणा की।
बलात्कार और हत्या की घटना के बाद न केवल आर.जी. कर बल्कि पश्चिम बंगाल के सभी सरकारी अस्पतालों में लचर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठे हैं।
इन अस्पतालों से जुड़े कई मेडिकल और गैर-मेडिकल कर्मचारियों ने शिकायत की है कि सूर्यास्त के बाद अस्पताल परिसर के कुछ हिस्से असामाजिक तत्वों के कब्जे में चले जाते हैं।
सूर्यास्त के बाद अस्पताल परिसर में बाहरी लोगों द्वारा शराब और नशीली दवाओं के सेवन की शिकायतें मिली हैं।
–आईएएनएस
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