कोलकाता, 10 नवंबर (आईएएनएस)। कोलकाता में रविवार को होने वाली काली पूजा को लेकर अधिकारियों ने कहा कि इस अवसर पर कोलकाता को सुरक्षा घेरे में रखा जाएगा। सोमवार को मूर्ति विसर्जन के अवसर पर भी समान सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
शहर पुलिस सूत्रों ने बताया कि रविवार को कोलकाता की सड़कों पर कुल 5,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, जबकि सोमवार को मूर्ति विसर्जन के मौके पर यह संख्या 1,000 से अधिक होगी।
इन दोनों दिनों में शहर के प्रसिद्ध काली मंदिरों पर विशेष सुरक्षा तैनाती की जायेगी। पुलिस की विशाल टुकड़ी शहर की सड़कों पर सक्रिय रहेगी और वे डिप्टी कमिश्नर रैंक के 21 अधिकारियों और सहायक कमिश्नर रैंक के 35 अधिकारियों की देखरेख में काम करेंगे।
पुलिस ने प्रतिबंधित पटाखों के लिए छतों का उपयोग रोकने के लिए विभिन्न आवासीय परिसरों और ऊंची इमारतों के सहयोग के साथ स्थानीय स्तर की समितियों का गठन किया है।
सूत्रों ने बताया कि शहर पुलिस प्रतिबंधित पटाखों को लेकर विशेष रूप से सतर्क है। 2 नवंबर से शहर पुलिस की कई टीमें प्रतिबंधित पटाखों को बरामद करने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी और तलाशी अभियान चला रही हैं। शहर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, अब तक कई किलोग्राम पटाखे जब्त किए जा चुके हैं।
पर्यावरणविदों ने मांग की है कि चीनी फायर-लालटेन जो पिछले कुछ वर्षों के दौरान काली पूजा और दिवाली के दौरान बेहद लोकप्रिय हो गए थे, उन्हें तत्काल प्रभाव से नियमों के तहत लाया जाना चाहिए।
पर्यावरणविद् और हरित प्रौद्योगिकीविद् एस.एम. घोष के अनुसार, हवा को प्रदूषित करने वाले स्काई लैनटर्न खतरनाक हैं। उन्होंने कहा, “अगर हवा की गति 20 किमी प्रति घंटे से अधिक हो तो बड़ी संख्या में ऐसे लालटेन आसमान में एक-दूसरे से टकरा सकते हैं।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे आयोजनों में जहां बड़ी संख्या में स्काई लैनटर्न छोड़े जाते हैं, सुरक्षा पहलुओं के लिए अग्निशमन सेवा विभाग की अनुमति अनिवार्य होनी चाहिए।
–आईएएनएस
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