कोलकाता, 21 जनवरी (आईएएनएस)। इतिहास में पहली बार, माकपा की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की कोलकाता इकाई में अध्यक्ष एवं जिला सचिव के शीर्ष दो पदों महिलाओं की नियुक्ति हुई है।
दिधिति रॉय को जहां कोलकाता जिला सचिव नियुक्त किया गया है, वहीं बरनाना मुखोपाध्याय को कोलकाता जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रॉय ने जहां आतिफ निसार की जगह ली है, वहीं मुखोपाध्याय ने देबंजन डे की जगह ली है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, यह घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब शीर्ष माकपा नेतृत्व पार्टी नेतृत्व के सभी स्थानों में युवा और महिला चेहरों को शामिल करने पर जोर दे रहा है।
माकपा की एक राज्य समिति के सदस्य ने कहा, “यह पहली बार है कि एसएफआई की किसी भी जिला इकाई के दो शीर्ष पदों पर दो महिलाओं को समायोजित किया गया है। आप इसे अधिक युवा और महिला चेहरों को लाकर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की प्रक्रिया की शुरुआत कह सकते हैं।”
राज्य समिति के सदस्य ने आगे कहा कि नेतृत्व पदों पर नए और महिला चेहरों की शुरूआत केवल एसएफआई या पार्टी की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) जैसे जन संगठनों तक ही सीमित नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा, “आने वाले दिनों में आप क्षेत्र समितियों, जिला समितियों और यहां तक कि पार्टी की राज्य समिति में भी इसी तरह के परिचय देख सकते हैं।”
पार्टी के दिग्गज नेता और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने भी हाल ही में कई मौकों पर पार्टी कार्यक्रमों में गति लाने के लिए नेतृत्व के विभिन्न स्तरों पर नए लोगों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ‘पुराने नेताओं’ बनाम ‘नए चेहरों’ के मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी कलह की पृष्ठभूमि में यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। पार्टी में मतभेद, हालांकि दबी जुबान में, पिछले साल से सामने आने लगे जब पार्टी महासचिव और लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने नेतृत्व के सभी स्तरों पर ऊपरी आयु सीमा तय करने की अवधारणा पेश की।
–आईएएनएस
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