कोलकाता, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कोलकाता में विजयादशमी के अवसर पर 1,100 दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन किया गया। मंगलवार दोपहर से शुरू हुई विसर्जन प्रक्रिया रात तक जारी रही।
राज्य पुलिस और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) अधिकारियों के रिकॉर्ड के अनुसार, मंगलवार को मुख्य रूप से आवासीय परिसरों और व्यक्तिगत आवासों के भीतर ही विसर्जन के लिए गए।
नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा, “कुछ अत्यंत रूढ़िवादी सामुदायिक पूजा आयोजकों का भी यही मानना है कि विजयादशमी विसर्जन के लिए सबसे उपयुक्त समय है। सामुदायिक दुर्गा पूजा समितियों द्वारा विसर्जन घाटों पर बुधवार से दबाव बढ़ जाएगा। 27 अक्टूबर को दबाव अपने चरम पर होगा, जब विसर्जन शहर में शीर्ष पूजाओं के कार्निवल के साथ होगा।”
हर साल की तरह इस बार भी अधिकारियों ने गंगा जल को प्रदूषण मुक्त रखने की पहल की है। इसलिए जैसे ही मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है, क्रेन-मशीनों का उपयोग करके मूर्तियों को पानी से बाहर निकाल लिया जाता है।
केएमसी के सदस्य (मेयर-इन-काउंसिल) और तृणमूल कांग्रेस विधायक देबाशीष कुमार के अनुसार, हर साल की तरह निगम अधिकारी गंगा जल को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए विशेष रूप से सावधान रहे हैं।
उन्होंने कहा, “समस्या यह है कि मंगलवार को विसर्जन का प्रमुख समय निम्न-ज्वार की अवधि (लो टाइड पीरियड) के दौरान था। इसलिए हमारी क्रेन-टीम को मोटी मिट्टी में फंसी मूर्तियों को बाहर निकालने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।”
–आईएएनएस
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