देहरादून, 13 फरवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद भगत सिंह कोश्यारी को लेकर भाजपा में हलचल है। बेशक कोश्यारी ने राज्यपाल की कुर्सी त्यागने के बाद एकांतवास में रहकर अध्ययन करने की इच्छा जाहिर की है लेकिन सियासतदां अच्छे से जानते हैं कि भगत सिंह कोश्यारी सत्ता से दूर नही रह सकते। हालांकि अभी ये तय नहीं है कि उनका अगला कदम क्या होगा।
सियासी हलकों में यह सवाल तैर रहा है कि कोश्यारी एकांतवास में जाकर अध्ययन में जीवन बिताएंगे या फिर सियासत में एक शक्तिपीठ की तरह अपने समर्थकों की मुराद पूरी करने का माध्यम बनेंगे।
महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर किए जाने के बाद उत्तराखंड की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि, भगत सिंह कोश्यारी हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उनका लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है। उन्होंने कहा है कि वह अब अध्ययन करना चाहते हैं। निश्चित तौर पर पार्टी को उनके राजनीतिक अनुभवों का लाभ मिलेगा। लोकसभा और निकाय चुनावों में पार्टी उनका भी मार्गदर्शन प्राप्त करेगी।
भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा है कि केंद्र सरकार पर महाराष्ट्र की सरकार का दबाव रहा होगा जिसके चलते उनको राज्यपाल पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
साथ ही हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके उत्तराखंड आने पर मौजूदा मुख्यमंत्री और भगत सिंह कोश्यारी के शिष्य पुष्कर सिंह धामी का भविष्य क्या रहेगा यह समय ही बताएगा।
हरीश रावत ने कहा कि पहले शिक्षा मंत्री रहे रमेश पोखरियाल निशंक को हटाया जाना और अब राज्यपाल पद से कोश्यारी को हटाया जाना उत्तराखंड की नजर में उत्तराखंड वासियों को अखर रहा है।
— आईएएनएस
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