नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को पाकिस्तान के आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया है। आइए जानते हैं कौन है अब्दुल रहमान मक्की?
अब्दुल रहमान मक्की को भारत सरकार ने 27 अक्टूबर 2020 को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकी घोषित किया था। इसके बाद से ही चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और अमेरिका के मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा डालता रहा है। भारत ने पिछले साल भी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के इस नेता को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग की थी, लेकिन चीन ने बीच में अडंगा लगा दिया था। जून में इसको लेकर भारत ने चीन की आलोचना भी की थी।
गृह मंत्रालय के मुताबिक अब्दुल रहमान मक्की का जन्म 10 दिसम्बर 1954 को पाकिस्तान में हुआ। मक्की लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक कार्य विंग/ शाखा का प्रमुख है और लश्कर-ए-तैयबा के विदेशी संबंधी विभाग के प्रमुख के रूप में भी कार्य कर रहा है। अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के लिए धन संग्रह करने में भी शामिल है।
अब्दुल रहमान मक्की लाल किले पर हमले सहित भारत में 7 हमलों का मास्टरमाइंड है और पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख भी है। वह लश्कर के सरगना हाफिज मोहम्मद सईद का करीबी रिश्तेदार भी है। मक्की ने अभी तक भारत में कई बड़े आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है, जिसमें वर्ष 2000 का लाल किला हमला, वर्ष 2008 का रामपुर कैंप पर हमला, वर्ष 2018 में बारामुला, श्रीनगर हमला व बांदीपोरा हमले शामिल हैं। आतंकी संगठन लश्कर ने 26/11 के मुंबई हमले को भी अंजाम दिया था।
गृह मंत्रालय के मुताबिक मक्की ने 7 मई 2006 को हैदराबाद में ओडियन सिनेमा के अंदर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट की प्लानिंग की थी, जिसमें चार लोग घायल हो गए थे। इस मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है। वहीं अमेरिकी सरकार ने भी मक्की पर 2 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले से पहले ही अमेरिका और भारत ने मक्की को घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित किया हुआ है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने वर्ष 2019 में मक्की को आतंकी वारदातों को अंजाम देने के जुर्म में गिरफ्तार भी किया था। तब पाकिस्तान पर फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) का दबाव था। बाद में साल 2020 में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने मक्की को आतंकी गतिविधियों को वित्तीय सुविधा देने का दोषी ठहराते हुए सजा भी सुनाई थी।
–आईएएनएस
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