नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। ई-स्पोर्ट्स, विशेष रूप से कौशल-आधारित गेमिंग के लिए किसी विनियमन की आवश्यकता नहीं है, इसे एक संगठित और कानूनी ढांचे के तहत फलने-फूलने के लिए स्वतंत्र रहना चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में विश्व स्तरीय नवाचार प्रदान करते हुए युवाओं के लिए अधिक अवसर पैदा किया जा सके। यह बात प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कही।
कुछ प्रमुख भारतीय गेमर्स के साथ बातचीत में, पीएम मोदी ने कहा कि गेमिंग को युवाओं के लिए अधिक रास्ते बनाने चाहिए, ताकि वे इसे एक व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप में अपना सकें।
पीएम मोदी ने कहा,“ ई-स्पोर्ट्स उद्योग के लिए नियमन मदद नहीं करेगा। इसे एक संगठित, कानूनी ढांचे के तहत विकसित होना चाहिए। यह समय गेमिंग की दुनिया को समझने और इसे हमारे देश की जरूरतों के अनुरूप ढालने का है।”
प्रधान मंत्री ने कहा, “मैं देश को 2047 तक उस स्तर तक पहुंचाना चाहता हूं कि मध्यम वर्ग को किसी भी अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता न हो।”
गेमर्स ने कौशल-आधारित गेमिंग में रचनात्मकता को पहचानने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की और इसे अपने लिए एक प्रोत्साहन माना।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि गेमिंग को आगे बढ़ाया जाए और दूसरों को प्रेरित किया जाए।
गेमर्स ने पीएम मोदी को बताया,“गेमिंग कुछ साल पहले ही शुरू हुई है और अब हममें से कुछ लोगों के लिए यह एक व्यवहार्य करियर विकल्प है। गेमिंग के प्रति धारणा बदल गई है।”
–आईएएनएस
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