अमेठी, 3 मई (आईएएनएस)। लंबी जद्दोजहद के बाद हाईप्रोफाइल सीट अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवारों का फैसला कर दिया है। राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी तो सोनिया ने रायबरेली से चुनाव लड़ा था। राहुल को स्मृति ईरानी के हाथों हार का स्वाद चखना पड़ा था, हालांकि सोनिया गांधी जीत गई थीं।
राहुल गांधी का मुकाबला रायबरेली में बीजेपी के दिग्गज नेता दिनेश प्रताप सिंह से होगा।
राहुल को रायबरेली से चुनावी मैदान में उतारे जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, “राहुल गांधी पहले पलायन कर वायनाड गए। अब रायबरेली आए, यहां भी उन्हें हार का सामना करना होगा।“
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कहा, “राहुल गांधी को अमेठी से डर लग रहा था। जब राहुल गांधी का अमेठी गढ़ रहा है, तो वह क्यों भाग रहे हैं। उनकी माता सोनिया गांधी को भी डर था, इसलिए वह खुद रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ी और वह राज्यसभा चली गईं। यही वजह है कि दोनों ही नेता डरे हुए हैं और रायबरेली से भी कांग्रेस पार्टी की बुरी तरह हार होने वाली है।“
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस पार्टी को सिर्फ घर के लोग ही चला रहे हैं। अब उसमें रॉबर्ट वाड्रा की भी एंट्री हो गई है और प्रियंका वाड्रा भी पूरी तरह से शामिल हैं, लेकिन इन लोगों को हार का डर है, इसलिए इन लोगों ने अमेठी छोड़ राहुल को रायबरेली भेज दिया है, वहां भी उनकी हार होगी।”
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “जीतेंगे भारी मतों से जीतेंगे और उनके सामने राहुल गांधी के सामने जो प्रत्याशी लड़ रहे हैं दिनेश प्रताप सिंह, वो तो बेचारे हैं। उनको कहीं ना कहीं बलि का बकरा भाजपा ने बनाया है।“
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कहा, “राहुल गांधी की उम्मीदवारी से बीजेपी को जवाब मिल गया है। बीजेपी सवाल खड़े करती थी कि केवल वायनाड से ही क्यों चुनाव लड़ते हैं। राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने से इंडिया गठबंधन मजबूत होगा। प्रियंका गांधी चुनाव लड़ें या नहीं, यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है।“
इसके अलावा गिरिराज सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “गांधी परिवार जहां से चुनाव हारता है उस सीट को छोड़ देता है। राहुल गांधी पहले अमेठी से चुनाव हारे और उस सीट को छोड़ दिया। रायबरेली से हारेंगे, उसे भी छोड़ देंगे। बहादुर शाह जफर जिस तरह मुगल सल्तनत के आखिरी बादशाह साबित हुए, इस तरह रायबरेली सीट पर राहुल गांधी भी साबित होंगे।”
इससे पहले अमेठी सीट को लेकर चर्चा थी कि कांग्रेस रॉबर्ट वाड्रा को चुनावी मैदान में उतार सकती है। बीते दिनों अमेठी स्थित कांग्रेस कार्यालय में रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित पोस्टर भी लगे थे
–आईएएनएस
एसएचके/एसकेपी