नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और मेटा ‘क्रिएटर्स ऑफ मेटावर्स’ शुरू करने के लिए एक साथ आए हैं। यह एक महत्वाकांक्षी पहल है जो भारत के युवाओं को भविष्य की टेक्नोलॉजी के लिए तैयार करने पर केंद्रित है।
एआईसीटीई के मुताबिक ‘मेटावर्स के निर्माता’ कार्यक्रम का लक्ष्य, नवोन्मेषी मेटा स्पार्क प्लेटफॉर्म के माध्यम से 1 लाख कॉलेज छात्रों और 20 हजार फैकेल्टी ऑगमेंटेड रियलिटी यानी एआर में महत्वपूर्ण ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता से लैस करना है। शुक्रवार को भारतीय छात्रों के लिए यह नया कार्यक्रम लांच किया गया। यह गेमिफाइड कार्यक्रम 10 दिनों तक चलेगा और इसमें 20 घंटे का पाठ्यक्रम शामिल है, जिसमें प्रशिक्षक के नेतृत्व वाले सत्र, समूह परामर्श और परियोजना-आधारित असाइनमेंट शामिल हैं।
छात्रों को उद्योग-ग्रेड एआर सॉफ्टवेयर टूल और संसाधनों के साथ काम करने, अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने, अपने पेशेवर नेटवर्क का विस्तार करने और अमूल्य आभासी कार्यस्थल अनुभव प्राप्त करने का विशेषाधिकार मिलेगा। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को मेटा स्पार्क क्रिएटर परीक्षा के लिए सलाहकारों से विशेष मार्गदर्शन के माध्यम से प्रमाणित मेटा स्पार्क क्रिएटर बनने के लिए समर्थन प्राप्त होगा।
इस दौरान एआईसीटीई और मेटा ने अपनी अंतर्दृष्टि साझा की और इस बात पर जोर दिया कि कैसे कार्यक्रम युवाओं को निर्माता और इनोवेटर्स बनने के लिए सशक्त बनाएगा, जो भविष्य में जॉब मार्केट के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे। कार्यक्रम के पायलट प्रोजेक्ट के दौरान छात्रों द्वारा बनाई गई प्रेरणादायक एआर परियोजनाओं को भी प्रदर्शित किया गया, जो इमर्सिव प्रौद्योगिकियों की आकर्षक दुनिया के माध्यम से पुरस्कृत करियर पथ को आकार देने की क्षमता को रेखांकित करती है।
मेटा का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत में इंस्टाग्राम नीति और नीति कार्यक्रमों की प्रमुख नताशा जोग व भारत के नीति कार्यक्रम प्रबंधक शिवांग रैना ने शिक्षा में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। जबकि वन मिलियन फॉर वन बिलियन (1एम1बी) से रुचि खन्ना अरोड़ा और शिवम अग्रवाल भी इस पहल को अपना समर्थन देने के लिए उपस्थित थे।
इस दौरान एआईसीटीई के चेयरमैन डॉ. टीजी सीताराम ने कहा, “‘मेटावर्स के निर्माता’ कार्यक्रम युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। मेटा के साथ साझेदारी मेटावर्स युग के लिए भारत के कार्यबल को कुशल बनाते हुए इनोवेशन को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।” इसके साथ ही मेटा ने डिजिटल नागरिकता और एआर-वीआर शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत भर के स्कूलों में 10 मिलियन से अधिक छात्रों और 10 लाख शिक्षकों के साथ जुड़ने के लिए अपना समर्पण दोहराया।
मेटा की ओर से भारत में इंस्टाग्राम पॉलिसी और पॉलिसी प्रोग्राम की प्रमुख नताशा जोग ने कार्यक्रम के बारे में अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “इस कार्यक्रम के माध्यम से हम समस्या, समाधानकर्ताओं, रचनाकारों और एकल उद्यमियों की अगली पीढ़ी का पोषण करने के लिए उत्साहित हैं जो नवीन समाधान लाने के लिए एआर शक्ति का उपयोग करेंगे।”
उन्होंने कहा, “हम एक व्यापक कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को नवीनतम तकनीकी कौशल से लैस करके उन्हें नौकरी प्राप्त करने के लिए तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो कॉलेज से पेशेवर दुनिया तक की उनकी यात्रा को कवर करेगा।”
मेटावर्स कार्यक्रम, निर्माता छात्रों को एआर की दुनिया का पता लगाने और उनकी रचनात्मक क्षमता को अनलॉक करने के लिए एक व्यापक सीखने का अनुभव प्रदान करता हैं।
–आईएएनएस
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