इस्लामाबाद, 21 मार्च (आईएएनएस)। आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग को वैध बनाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। डिजिटल परिसंपत्ति प्रबंधन को सुव्यवस्थित और रणनीतिक बनाने के लिए वित्त मंत्री के मुख्य सलाहकार बिलाल बिन साकिब ने यह सुझाव दिया।
साकिब ने कहा, “पाकिस्तान अब किनारे पर बैठना बंद कर चुका है। हम अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करना चाहते हैं, पाकिस्तान एक कम लॉ-कॉस्ट, हाई-ग्रोथ मार्केट है, जहां 60 फीसदी आबादी 30 वर्ष से कम आयु की है। हमारे पास वेब3 नेटिव वर्कफोर्स तैयार है।”
साकिब के मुताबिक, “ब्लॉकचेन एनालिसिस फर्म चेनालेसिस के अनुसार, क्रिप्टो अपनाने के मामले में पाकिस्तान दुनिया भर में नौवें स्थान पर है। पाकिस्तान में, औपचारिक नियामक ढांचे की गैरमौजूदगी के बावजूद कम से कम 15 से 20 मिलियन पाकिस्तानी वर्तमान में क्रिप्टो ट्रेडिंग में लगे हुए हैं।”
साकिब, पाकिस्तान क्रिप्टो करेंसी काउंसिल (पीसीसीसी) के सीईओ भी हैं।
वित्त मंत्री के मुख्य सलाहकार ने कहा कि वैश्विक राजनीतिक घटनाक्रम ने भी पाकिस्तान में क्रिप्टो ट्रेडिंग को वैध बनाने पर सोचने को मजबूर किया है। उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप क्रिप्टो को राष्ट्रीय प्राथमिकता बना रहे हैं और पाकिस्तान सहित हर देश को इसका अनुसरण करना होगा।”
पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगा हुआ है, अधिकारियों ने वर्चुअल करेंसी के इस्तेमाल को लेकर जोखिम के बारे में चेतावनी दी है।
2018 में, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने एक अधिसूचना जारी कर पाकिस्तान के बाहर मूल्य हस्तांतरण के उद्देश्य से वर्चुअल करेंसी/सिक्कों/टोकन का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को चेतावनी दी थी।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में ऐसा लगता है कि डिजिटल संपत्ति प्रबंधन के वैश्विक आकर्षण ने पाकिस्तान को अपने रुख पर फिर से सोचने के लिए मजबूर किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि देश की युवा और तकनीक-प्रेमी आबादी को देखते हुए, पाकिस्तान क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग के रेगुलेशन के साथ अपने आर्थिक परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण मोड़ देख सकता है।
अर्थशास्त्री शाहबाज राणा ने कहा, “क्रिप्टो को रेगुलेट करने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के अवसर खुल सकते हैं और अर्थव्यवस्था के लिए नए रेवेन्यू सोर्स बन सकते हैं।”
–आईएएनएस
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