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Home ताज़ा समाचार

क्वाड का उद्देश्य चीन का विस्तार रोकना और आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयास : रोबिंदर सचदेव

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September 22, 2024
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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। क्वाड देशों ने संयुक्त बयान जारी कर 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले की कड़ी निंदा की। बयान में कहा गया है कि क्वाड अच्छे मकसद से बनाया गया एक ग्रुप है, जो हिंद प्रशांत के लिए वास्तविक, सकारात्मक और स्थाई प्रभाव छोड़ता है। क्वाड के इस संयुक्त बयान पर विदेश मामलों के वरिष्ठ विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने प्रतिक्रिया जाहिर की।

रोबिंदर सचदेव ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्वाड का गठन चीन के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था, और यही इसका मुख्य मकसद है। समय के साथ, इन देशों के बीच सहयोग का स्वरूप बदलता जा रहा है, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखलाएं, सेमी-कंडक्टर की आपूर्ति, हरित ऊर्जा आदि। अब आतंकवाद के मुद्दे को भी इसमें शामिल किया गया है, जिससे ये चारों देश, जो क्वाड का प्लेटफॉर्म है उसपर एक-दूसरे के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेंगे।

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उन्होंने कहा कि चारों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। उनका प्रयास होगा कि कोई भी ताकत इन देशों में आतंकवाद को बढ़ावा न दे सके। इस संदर्भ में, क्वाड का यह बयान भी महत्वपूर्ण है कि वे 26/11 के मुंबई हमले और भारत में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी हमलों की निंदा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति की एक जीत भी है, क्योंकि क्वाड के देश अब केवल निंदा ही नहीं कर रहे, बल्कि ठोस कदम भी उठा रहे हैं।

बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में कहा गया कि मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले को लेकर हम फिर से इस तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा करते हैं। क्वाड वर्किंग ग्रुप की बैठक में आतंकवाद से निपटने के विषय पर विस्तार से चर्चा भी की गई थी।

–आईएएनएस

पीएसके/जीकेटी

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। क्वाड देशों ने संयुक्त बयान जारी कर 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले की कड़ी निंदा की। बयान में कहा गया है कि क्वाड अच्छे मकसद से बनाया गया एक ग्रुप है, जो हिंद प्रशांत के लिए वास्तविक, सकारात्मक और स्थाई प्रभाव छोड़ता है। क्वाड के इस संयुक्त बयान पर विदेश मामलों के वरिष्ठ विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने प्रतिक्रिया जाहिर की।

रोबिंदर सचदेव ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्वाड का गठन चीन के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था, और यही इसका मुख्य मकसद है। समय के साथ, इन देशों के बीच सहयोग का स्वरूप बदलता जा रहा है, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखलाएं, सेमी-कंडक्टर की आपूर्ति, हरित ऊर्जा आदि। अब आतंकवाद के मुद्दे को भी इसमें शामिल किया गया है, जिससे ये चारों देश, जो क्वाड का प्लेटफॉर्म है उसपर एक-दूसरे के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि चारों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। उनका प्रयास होगा कि कोई भी ताकत इन देशों में आतंकवाद को बढ़ावा न दे सके। इस संदर्भ में, क्वाड का यह बयान भी महत्वपूर्ण है कि वे 26/11 के मुंबई हमले और भारत में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी हमलों की निंदा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति की एक जीत भी है, क्योंकि क्वाड के देश अब केवल निंदा ही नहीं कर रहे, बल्कि ठोस कदम भी उठा रहे हैं।

बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में कहा गया कि मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले को लेकर हम फिर से इस तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा करते हैं। क्वाड वर्किंग ग्रुप की बैठक में आतंकवाद से निपटने के विषय पर विस्तार से चर्चा भी की गई थी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। क्वाड देशों ने संयुक्त बयान जारी कर 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले की कड़ी निंदा की। बयान में कहा गया है कि क्वाड अच्छे मकसद से बनाया गया एक ग्रुप है, जो हिंद प्रशांत के लिए वास्तविक, सकारात्मक और स्थाई प्रभाव छोड़ता है। क्वाड के इस संयुक्त बयान पर विदेश मामलों के वरिष्ठ विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने प्रतिक्रिया जाहिर की।

रोबिंदर सचदेव ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्वाड का गठन चीन के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था, और यही इसका मुख्य मकसद है। समय के साथ, इन देशों के बीच सहयोग का स्वरूप बदलता जा रहा है, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखलाएं, सेमी-कंडक्टर की आपूर्ति, हरित ऊर्जा आदि। अब आतंकवाद के मुद्दे को भी इसमें शामिल किया गया है, जिससे ये चारों देश, जो क्वाड का प्लेटफॉर्म है उसपर एक-दूसरे के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि चारों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। उनका प्रयास होगा कि कोई भी ताकत इन देशों में आतंकवाद को बढ़ावा न दे सके। इस संदर्भ में, क्वाड का यह बयान भी महत्वपूर्ण है कि वे 26/11 के मुंबई हमले और भारत में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी हमलों की निंदा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति की एक जीत भी है, क्योंकि क्वाड के देश अब केवल निंदा ही नहीं कर रहे, बल्कि ठोस कदम भी उठा रहे हैं।

बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में कहा गया कि मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले को लेकर हम फिर से इस तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा करते हैं। क्वाड वर्किंग ग्रुप की बैठक में आतंकवाद से निपटने के विषय पर विस्तार से चर्चा भी की गई थी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। क्वाड देशों ने संयुक्त बयान जारी कर 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले की कड़ी निंदा की। बयान में कहा गया है कि क्वाड अच्छे मकसद से बनाया गया एक ग्रुप है, जो हिंद प्रशांत के लिए वास्तविक, सकारात्मक और स्थाई प्रभाव छोड़ता है। क्वाड के इस संयुक्त बयान पर विदेश मामलों के वरिष्ठ विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने प्रतिक्रिया जाहिर की।

रोबिंदर सचदेव ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्वाड का गठन चीन के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था, और यही इसका मुख्य मकसद है। समय के साथ, इन देशों के बीच सहयोग का स्वरूप बदलता जा रहा है, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखलाएं, सेमी-कंडक्टर की आपूर्ति, हरित ऊर्जा आदि। अब आतंकवाद के मुद्दे को भी इसमें शामिल किया गया है, जिससे ये चारों देश, जो क्वाड का प्लेटफॉर्म है उसपर एक-दूसरे के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि चारों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। उनका प्रयास होगा कि कोई भी ताकत इन देशों में आतंकवाद को बढ़ावा न दे सके। इस संदर्भ में, क्वाड का यह बयान भी महत्वपूर्ण है कि वे 26/11 के मुंबई हमले और भारत में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी हमलों की निंदा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति की एक जीत भी है, क्योंकि क्वाड के देश अब केवल निंदा ही नहीं कर रहे, बल्कि ठोस कदम भी उठा रहे हैं।

बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में कहा गया कि मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले को लेकर हम फिर से इस तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा करते हैं। क्वाड वर्किंग ग्रुप की बैठक में आतंकवाद से निपटने के विषय पर विस्तार से चर्चा भी की गई थी।

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। क्वाड देशों ने संयुक्त बयान जारी कर 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले की कड़ी निंदा की। बयान में कहा गया है कि क्वाड अच्छे मकसद से बनाया गया एक ग्रुप है, जो हिंद प्रशांत के लिए वास्तविक, सकारात्मक और स्थाई प्रभाव छोड़ता है। क्वाड के इस संयुक्त बयान पर विदेश मामलों के वरिष्ठ विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने प्रतिक्रिया जाहिर की।

रोबिंदर सचदेव ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्वाड का गठन चीन के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था, और यही इसका मुख्य मकसद है। समय के साथ, इन देशों के बीच सहयोग का स्वरूप बदलता जा रहा है, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखलाएं, सेमी-कंडक्टर की आपूर्ति, हरित ऊर्जा आदि। अब आतंकवाद के मुद्दे को भी इसमें शामिल किया गया है, जिससे ये चारों देश, जो क्वाड का प्लेटफॉर्म है उसपर एक-दूसरे के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि चारों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। उनका प्रयास होगा कि कोई भी ताकत इन देशों में आतंकवाद को बढ़ावा न दे सके। इस संदर्भ में, क्वाड का यह बयान भी महत्वपूर्ण है कि वे 26/11 के मुंबई हमले और भारत में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी हमलों की निंदा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति की एक जीत भी है, क्योंकि क्वाड के देश अब केवल निंदा ही नहीं कर रहे, बल्कि ठोस कदम भी उठा रहे हैं।

बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में कहा गया कि मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले को लेकर हम फिर से इस तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा करते हैं। क्वाड वर्किंग ग्रुप की बैठक में आतंकवाद से निपटने के विषय पर विस्तार से चर्चा भी की गई थी।

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रोबिंदर सचदेव ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्वाड का गठन चीन के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था, और यही इसका मुख्य मकसद है। समय के साथ, इन देशों के बीच सहयोग का स्वरूप बदलता जा रहा है, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखलाएं, सेमी-कंडक्टर की आपूर्ति, हरित ऊर्जा आदि। अब आतंकवाद के मुद्दे को भी इसमें शामिल किया गया है, जिससे ये चारों देश, जो क्वाड का प्लेटफॉर्म है उसपर एक-दूसरे के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि चारों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। उनका प्रयास होगा कि कोई भी ताकत इन देशों में आतंकवाद को बढ़ावा न दे सके। इस संदर्भ में, क्वाड का यह बयान भी महत्वपूर्ण है कि वे 26/11 के मुंबई हमले और भारत में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी हमलों की निंदा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति की एक जीत भी है, क्योंकि क्वाड के देश अब केवल निंदा ही नहीं कर रहे, बल्कि ठोस कदम भी उठा रहे हैं।

बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में कहा गया कि मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले को लेकर हम फिर से इस तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा करते हैं। क्वाड वर्किंग ग्रुप की बैठक में आतंकवाद से निपटने के विषय पर विस्तार से चर्चा भी की गई थी।

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रोबिंदर सचदेव ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्वाड का गठन चीन के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था, और यही इसका मुख्य मकसद है। समय के साथ, इन देशों के बीच सहयोग का स्वरूप बदलता जा रहा है, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखलाएं, सेमी-कंडक्टर की आपूर्ति, हरित ऊर्जा आदि। अब आतंकवाद के मुद्दे को भी इसमें शामिल किया गया है, जिससे ये चारों देश, जो क्वाड का प्लेटफॉर्म है उसपर एक-दूसरे के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि चारों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। उनका प्रयास होगा कि कोई भी ताकत इन देशों में आतंकवाद को बढ़ावा न दे सके। इस संदर्भ में, क्वाड का यह बयान भी महत्वपूर्ण है कि वे 26/11 के मुंबई हमले और भारत में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी हमलों की निंदा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति की एक जीत भी है, क्योंकि क्वाड के देश अब केवल निंदा ही नहीं कर रहे, बल्कि ठोस कदम भी उठा रहे हैं।

बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में कहा गया कि मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले को लेकर हम फिर से इस तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा करते हैं। क्वाड वर्किंग ग्रुप की बैठक में आतंकवाद से निपटने के विषय पर विस्तार से चर्चा भी की गई थी।

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। क्वाड देशों ने संयुक्त बयान जारी कर 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले की कड़ी निंदा की। बयान में कहा गया है कि क्वाड अच्छे मकसद से बनाया गया एक ग्रुप है, जो हिंद प्रशांत के लिए वास्तविक, सकारात्मक और स्थाई प्रभाव छोड़ता है। क्वाड के इस संयुक्त बयान पर विदेश मामलों के वरिष्ठ विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने प्रतिक्रिया जाहिर की।

रोबिंदर सचदेव ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्वाड का गठन चीन के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था, और यही इसका मुख्य मकसद है। समय के साथ, इन देशों के बीच सहयोग का स्वरूप बदलता जा रहा है, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखलाएं, सेमी-कंडक्टर की आपूर्ति, हरित ऊर्जा आदि। अब आतंकवाद के मुद्दे को भी इसमें शामिल किया गया है, जिससे ये चारों देश, जो क्वाड का प्लेटफॉर्म है उसपर एक-दूसरे के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि चारों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, और खुफिया जानकारी साझा करेंगे। उनका प्रयास होगा कि कोई भी ताकत इन देशों में आतंकवाद को बढ़ावा न दे सके। इस संदर्भ में, क्वाड का यह बयान भी महत्वपूर्ण है कि वे 26/11 के मुंबई हमले और भारत में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी हमलों की निंदा कर रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति की एक जीत भी है, क्योंकि क्वाड के देश अब केवल निंदा ही नहीं कर रहे, बल्कि ठोस कदम भी उठा रहे हैं।

बता दें कि क्वाड के संयुक्त बयान में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट आतंकी हमले की निंदा की गई। बयान में कहा गया कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के 1276 सैंक्शन कमेटी के माध्यम सैन्य हमलों के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। क्वाड नेताओं ने समान रूप से आतंकवाद और हिंसक कट्टरपंथ की निंदा की। चारों देशों ने मिलकर आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में कहा गया कि मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले को लेकर हम फिर से इस तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा करते हैं। क्वाड वर्किंग ग्रुप की बैठक में आतंकवाद से निपटने के विषय पर विस्तार से चर्चा भी की गई थी।

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