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Home ताज़ा समाचार

क्वाड बातचीत का मंच नहीं, बल्कि व्यावहारिक परिणाम देने वाला प्लेटफार्म है : विदेश मंत्री जयशंकर

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July 29, 2024
in ताज़ा समाचार
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टोक्यो, 29 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का क्वाड समूह “बातचीत का मंच” नहीं, बल्कि “व्यावहारिक परिणाम” देने वाला एक प्लेटफार्म है।

सोमवार को टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने एसटीईएम फेलोशिप से लेकर ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं तक पर प्रकाश डाला।

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गौरतलब है कि अतीत में, बीजिंग क्वाड को ” चीन के खिलाफ़ एक विशेष गुट” बता चुका है, लेकिन विदेश मंत्री ने इसे खारिज करते हुए संगठन की प्रगति पर बात की।

उन्होंने कहा,”जिस ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को वैक्सीन प्रदान कर सहयोग किया।”

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको की उपस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं, आपने अभी मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना, मानवीय और आपदा राहत के लिए, मंत्री कामिकावा ने इसके बारे में बात की, महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद का मुकाबला करने के बारे में बात की।”

पहले से ही 16 कार्य समूहों के साथ, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी चार देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा, ” क्वाड के चारों देश लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्था, एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।”

जयशंकर ने समूह और द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय संबंधों के बीच “मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता” को भी रेखांकित किया।

आखिर में उन्होंने कहा, “ये चुनौतीपूर्ण समय है। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो, या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता होती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और क्वाड सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”

–आईएएनएस

सीबीटी/

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टोक्यो, 29 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का क्वाड समूह “बातचीत का मंच” नहीं, बल्कि “व्यावहारिक परिणाम” देने वाला एक प्लेटफार्म है।

सोमवार को टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने एसटीईएम फेलोशिप से लेकर ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं तक पर प्रकाश डाला।

गौरतलब है कि अतीत में, बीजिंग क्वाड को ” चीन के खिलाफ़ एक विशेष गुट” बता चुका है, लेकिन विदेश मंत्री ने इसे खारिज करते हुए संगठन की प्रगति पर बात की।

उन्होंने कहा,”जिस ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को वैक्सीन प्रदान कर सहयोग किया।”

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको की उपस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं, आपने अभी मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना, मानवीय और आपदा राहत के लिए, मंत्री कामिकावा ने इसके बारे में बात की, महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद का मुकाबला करने के बारे में बात की।”

पहले से ही 16 कार्य समूहों के साथ, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी चार देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा, ” क्वाड के चारों देश लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्था, एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।”

जयशंकर ने समूह और द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय संबंधों के बीच “मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता” को भी रेखांकित किया।

आखिर में उन्होंने कहा, “ये चुनौतीपूर्ण समय है। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो, या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता होती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और क्वाड सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”

–आईएएनएस

सीबीटी/

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टोक्यो, 29 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का क्वाड समूह “बातचीत का मंच” नहीं, बल्कि “व्यावहारिक परिणाम” देने वाला एक प्लेटफार्म है।

सोमवार को टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने एसटीईएम फेलोशिप से लेकर ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं तक पर प्रकाश डाला।

गौरतलब है कि अतीत में, बीजिंग क्वाड को ” चीन के खिलाफ़ एक विशेष गुट” बता चुका है, लेकिन विदेश मंत्री ने इसे खारिज करते हुए संगठन की प्रगति पर बात की।

उन्होंने कहा,”जिस ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को वैक्सीन प्रदान कर सहयोग किया।”

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको की उपस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं, आपने अभी मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना, मानवीय और आपदा राहत के लिए, मंत्री कामिकावा ने इसके बारे में बात की, महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद का मुकाबला करने के बारे में बात की।”

पहले से ही 16 कार्य समूहों के साथ, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी चार देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा, ” क्वाड के चारों देश लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्था, एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।”

जयशंकर ने समूह और द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय संबंधों के बीच “मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता” को भी रेखांकित किया।

आखिर में उन्होंने कहा, “ये चुनौतीपूर्ण समय है। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो, या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता होती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और क्वाड सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”

–आईएएनएस

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टोक्यो, 29 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का क्वाड समूह “बातचीत का मंच” नहीं, बल्कि “व्यावहारिक परिणाम” देने वाला एक प्लेटफार्म है।

सोमवार को टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने एसटीईएम फेलोशिप से लेकर ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं तक पर प्रकाश डाला।

गौरतलब है कि अतीत में, बीजिंग क्वाड को ” चीन के खिलाफ़ एक विशेष गुट” बता चुका है, लेकिन विदेश मंत्री ने इसे खारिज करते हुए संगठन की प्रगति पर बात की।

उन्होंने कहा,”जिस ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को वैक्सीन प्रदान कर सहयोग किया।”

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको की उपस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं, आपने अभी मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना, मानवीय और आपदा राहत के लिए, मंत्री कामिकावा ने इसके बारे में बात की, महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद का मुकाबला करने के बारे में बात की।”

पहले से ही 16 कार्य समूहों के साथ, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी चार देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा, ” क्वाड के चारों देश लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्था, एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।”

जयशंकर ने समूह और द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय संबंधों के बीच “मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता” को भी रेखांकित किया।

आखिर में उन्होंने कहा, “ये चुनौतीपूर्ण समय है। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो, या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता होती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और क्वाड सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”

–आईएएनएस

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सोमवार को टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने एसटीईएम फेलोशिप से लेकर ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं तक पर प्रकाश डाला।

गौरतलब है कि अतीत में, बीजिंग क्वाड को ” चीन के खिलाफ़ एक विशेष गुट” बता चुका है, लेकिन विदेश मंत्री ने इसे खारिज करते हुए संगठन की प्रगति पर बात की।

उन्होंने कहा,”जिस ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को वैक्सीन प्रदान कर सहयोग किया।”

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको की उपस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं, आपने अभी मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना, मानवीय और आपदा राहत के लिए, मंत्री कामिकावा ने इसके बारे में बात की, महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद का मुकाबला करने के बारे में बात की।”

पहले से ही 16 कार्य समूहों के साथ, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी चार देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा, ” क्वाड के चारों देश लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्था, एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।”

जयशंकर ने समूह और द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय संबंधों के बीच “मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता” को भी रेखांकित किया।

आखिर में उन्होंने कहा, “ये चुनौतीपूर्ण समय है। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो, या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता होती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और क्वाड सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”

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सोमवार को टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने एसटीईएम फेलोशिप से लेकर ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं तक पर प्रकाश डाला।

गौरतलब है कि अतीत में, बीजिंग क्वाड को ” चीन के खिलाफ़ एक विशेष गुट” बता चुका है, लेकिन विदेश मंत्री ने इसे खारिज करते हुए संगठन की प्रगति पर बात की।

उन्होंने कहा,”जिस ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को वैक्सीन प्रदान कर सहयोग किया।”

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको की उपस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं, आपने अभी मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना, मानवीय और आपदा राहत के लिए, मंत्री कामिकावा ने इसके बारे में बात की, महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद का मुकाबला करने के बारे में बात की।”

पहले से ही 16 कार्य समूहों के साथ, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी चार देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा, ” क्वाड के चारों देश लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्था, एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।”

जयशंकर ने समूह और द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय संबंधों के बीच “मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता” को भी रेखांकित किया।

आखिर में उन्होंने कहा, “ये चुनौतीपूर्ण समय है। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो, या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता होती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और क्वाड सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”

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सोमवार को टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने एसटीईएम फेलोशिप से लेकर ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं तक पर प्रकाश डाला।

गौरतलब है कि अतीत में, बीजिंग क्वाड को ” चीन के खिलाफ़ एक विशेष गुट” बता चुका है, लेकिन विदेश मंत्री ने इसे खारिज करते हुए संगठन की प्रगति पर बात की।

उन्होंने कहा,”जिस ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को वैक्सीन प्रदान कर सहयोग किया।”

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको की उपस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं, आपने अभी मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना, मानवीय और आपदा राहत के लिए, मंत्री कामिकावा ने इसके बारे में बात की, महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद का मुकाबला करने के बारे में बात की।”

पहले से ही 16 कार्य समूहों के साथ, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी चार देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा, ” क्वाड के चारों देश लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्था, एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।”

जयशंकर ने समूह और द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय संबंधों के बीच “मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता” को भी रेखांकित किया।

आखिर में उन्होंने कहा, “ये चुनौतीपूर्ण समय है। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो, या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता होती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और क्वाड सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”

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टोक्यो, 29 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का क्वाड समूह “बातचीत का मंच” नहीं, बल्कि “व्यावहारिक परिणाम” देने वाला एक प्लेटफार्म है।

सोमवार को टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने एसटीईएम फेलोशिप से लेकर ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं तक पर प्रकाश डाला।

गौरतलब है कि अतीत में, बीजिंग क्वाड को ” चीन के खिलाफ़ एक विशेष गुट” बता चुका है, लेकिन विदेश मंत्री ने इसे खारिज करते हुए संगठन की प्रगति पर बात की।

उन्होंने कहा,”जिस ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को वैक्सीन प्रदान कर सहयोग किया।”

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको की उपस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं, आपने अभी मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना, मानवीय और आपदा राहत के लिए, मंत्री कामिकावा ने इसके बारे में बात की, महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद का मुकाबला करने के बारे में बात की।”

पहले से ही 16 कार्य समूहों के साथ, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी चार देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा, ” क्वाड के चारों देश लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्था, एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।”

जयशंकर ने समूह और द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय संबंधों के बीच “मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता” को भी रेखांकित किया।

आखिर में उन्होंने कहा, “ये चुनौतीपूर्ण समय है। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो, या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता होती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और क्वाड सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”

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