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Home ताज़ा समाचार

‘क्वाड मजबूती से आगे बढ़ेगा’ कह जो बाइडेन ने पीएम मोदी के कंधे पर रखा हाथ

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September 22, 2024
in ताज़ा समाचार
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‘क्वाड मजबूती से आगे बढ़ेगा’ कह जो बाइडेन ने पीएम मोदी के कंधे पर रखा हाथ
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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में होने वाली क्वाड की अगली बैठक को लेकर यकीन दिलाया है कि यह गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

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अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

–आईएएनएस

पीएसएम

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में होने वाली क्वाड की अगली बैठक को लेकर यकीन दिलाया है कि यह गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

–आईएएनएस

पीएसएम

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में होने वाली क्वाड की अगली बैठक को लेकर यकीन दिलाया है कि यह गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

–आईएएनएस

पीएसएम

नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में होने वाली क्वाड की अगली बैठक को लेकर यकीन दिलाया है कि यह गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में होने वाली क्वाड की अगली बैठक को लेकर यकीन दिलाया है कि यह गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

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उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

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उन्होंने अमेरिकी चुनावों के बाद गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने गृहनगर विलमिंगटन में एक फोटो सेशन के दौरान पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या क्वाड नवंबर के बाद भी चलता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बिना कहे बता दिया कि क्वाड को आगे कौन ले जाएगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ‘यहां रहेगा’ और ‘यह किसी के खिलाफ नहीं है’।

क्वाड के नियमों का उल्लेख करते हुए पीएम ने बहुत अहम बात कही। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि क्वाड नेता नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के प्रति सम्मान चाहते हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है, (क्वाड) यहां रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” आगे बोले कि वह भारत में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।

हिंदी में दिए पीएम मोदी के इस भाषण को आधिकारिक द्विभाषी ने अनुवाद किया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब विश्व संघर्ष और तनाव से घिरा हुआ है। ऐसे समय में, यह पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझी प्रतिबद्धता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए विलमिंगटन में मुलाकात की।

यह शिखर सम्मेलन पहले भारत में होना था लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे राष्ट्रपति के गृहनगर में आयोजित किया गया।

जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में आर्कमेयर अकादमी में क्वाड लीडरशिप समिट के लिए आए तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। वह अपने गृहनगर में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि यह उनके लिए एक तरह का विदाई शिखर सम्मेलन था। उनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है।

शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए जो राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस चतुर्भुज (क्वाडिलैटरल) गठबंधन के देश लोकतांत्रिक हैं, जो काम पूरा करते हैं। हम वह लोकतंत्र हैं जो जानते हैं कि काम कैसे किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “आज हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई पहलों की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीक प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जलक्षेत्र में क्या हो रहा है।”

–आईएएनएस

पीएसएम

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