जबलपुर. हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि परिवहन विभाग में क्षेत्रीय परिवहन सब इंस्पेक्टर की भर्ती विगत एक दशक से लटकी हुई है. जिसके कारण बिना परमिट अवैध बसों को संचालन हो रहा है और कई दुर्घटनाएं भी घटित हुई है. हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
जबलपुर निवासी परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी रामखेलावन पटेल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा साल 2013 में क्षेत्रीय परिवहन 20 सब इंस्पेक्टर पदों में नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. इन पदों को विभागीय पदोन्नति के आधार पर भरा जाना था और ग्रेड 3 कर्मचारियों परीक्षा में शामिल हो सकते थे.
विज्ञापन जारी होने के बाद उसे निरस्त कर दिया गया. इसके बाद साल 2015 में पुनः इन पदों में नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया. जिसे पुनः निरस्त कर दिया. परिवहन विभाग में सब इंस्पेक्टर के 20 पद रिक्त पडे हुए है. इसके बावजूद भी एक दशक से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद भी भर्ती के लिए सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. साल 2015 के बाद इन पदों में भर्ती के लिए कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया है.
याचिका में कहा गया था कि सब इंस्पेक्टर की नियुक्ति नहीं होने के कारण अवैध रूप से वाहन सड़कों में दौड रहे है. अवैध वाहन संचालन के कारण प्रदेश में कई बडी दुर्घटना घटित हुई है. जिसके कई लोगों की मौत हुई है. याचिका में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त,सहायक आयुक्त तथा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को अनावेदक बनाया गया था. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आशीष रावत ने पैरवी की.