रीवा देशबन्धु. जिले भर में बेमौसम बारिश के चलते खरीदी केन्द्रों में खुले में रखी लाखों क्विटल धान भीग गई. समय पर उठाव नहीं होने से 50 खरीदी केन्द्रों में 6 लाख क्विटल से अधिक धान खुले में पड़ी है. अधिकारियों की लापरवाही और बदइंतजामी से भीगी धान की जानकारी जुटाई जा रही है. वहीं बारिश के बाद तौल नहीं होने से किसानों की समस्या बढ़ गई है.
लापरवाही को लेकर केन्द्र प्रभारियों का कहना है कि खरीद की तुलना में धान का उठाव 50 फीसदी भी नहीं हो पाया था, जिससे बारिश में धान भीग गई है. पॉलीथिन आदि से ढंकने की व्यवस्था नहीं हुई तो लाखों क्विटल धान बर्बाद हो जाएगी. बता दें कि समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए जिले में 95 केन्द्र बनाए गए हैं. जिसमें 50 धान खरीदी केन्द्र खुले में हैं और 45 केन्द्र वेयर हाउस में बनाए गए हैं. शनिवार को बारिश के कारण जिले में समितियों के 50 खरीदी केन्द्रों में रखी धान बारिश में भीग गई है.
इन समतियों में 6 लाख क्विटल से अधिक धान खुले में रखी है जिसकी सुरक्षा के लिए इनके पास पर्याप्त इंतजाम नहीं है. बारिश के बाद केन्द्रों में खरीदी बंद हो गई है. ऐसे में शुक्रवार से अपनी धान लेकर पहुंचे किसानों की समस्या बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते अकेले शहरी क्षेत्र के केन्द्र में ही 40 हजार क्विटल से अधिक धान भीग गई है.
इसी तरह कोठी, तमरा, टीकर, कनौजा, गुढ़ सहित सेमरिया, सिरमौर, डभौरा, जवा, त्योंथर, चाकघाट, गढ़, गंगेव, मनगवां, देवतालाब, नईगढ़ी, मऊगंज सहित अन्य जगहों पर बनाए गए खरीदी केन्द्रों पर पचास फीसदी भी धान का उठाव नहीं हुआ था. माना जा रहा है कि यदि बारिश का दौरा नहीं थमा तो धान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.