नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे रहे भारत के शीर्ष पहलवानों साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के रेलवे में अपनी नौकरी फिर से शुरू करने के बाद कुश्ती क्षेत्र से मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है।
साक्षी, विनेश और बजरंग ने 31 मई से रेलवे में अपना काम फिर से शुरू कर दिया।
साक्षी और बजरंग दोनों ने विरोध से हटने की खबरों का खंडन किया है।
साक्षी ने कहा, यह न्याय के लिए हमारी लड़ाई है। हम पीछे नहीं हटेंगे। हमने रेलवे में अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी है, लेकिन हम अपनी भविष्य की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं।
दूसरी ओर, बजरंग ने एक वीडियो संदेश में जोर देकर कहा कि एथलीट एक साथ हैं और उनके आंदोलन को तोड़ने के लिए उनके खिलाफ झूठ फैलाया जा रहा है।
नाम न छापने की शर्त पर कुछ प्रसिद्ध कुश्ती प्रशिक्षकों ने आईएएनएस के साथ वर्तमान घटनाक्रम पर अपने विचार साझा किए।
एक कोच ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, पहलवान पहले से ही बहुत परेशान हैं और कई फर्जी खबरें वायरल हो रही हैं। उनकी लड़ाई डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ है, सरकार के खिलाफ नहीं। इसलिए ड्यूटी ज्वाइन करना, मुझे लगता है, ठीक है।
हालांकि, एक अन्य सीनियर कोच ने इसे हंसी में उड़ा दिया। यह हास्यास्पद है। आपको (एथलीटों को) प्रशिक्षण या प्रतियोगिताओं के लिए अपने संबंधित कार्यालयों (सरकार) से छूट मिलती है, किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए नहीं। वे अपने कार्यालय को क्या कहेंगे? हमें छुट्टी दीजिए, हम खाप नेताओं व किसानों के साथ बृजभूषण के खिलाफ धरने पर बैठना चाहते हैं।
उन्हें एक पक्ष चुनने की जरूरत है। आप लाभ भी लेंगे और सरकार को बदनाम भी करेंगे। यह संभव नहीं है और नैतिक रूप से गलत है।
इससे पहले, पहलवानों के ड्यूटी में शामिल होने और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के फैसलों से नाखुश किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को जंतर-मंतर पर 9 जून के विरोध प्रदर्शन को स्थगित करने की घोषणा की।
ऐसा लगता है कि उनके भीतर मतभेद पनप रहे हैं, जो पहलवानों को किसी भी तरह से मदद करने वाला नहीं है!
–आईएएनएस
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