पाटन देशबन्धु. आबकारी एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों की नकारापंती की वजह से नगर की मुख्य सड़क पाटन दमोह एवं शहपुरा मार्ग को शराबी शराब रोजाना शाम होते होते मधुशाला में तब्दील कर देते है वही अपने वाहनों को सड़कों पर खड़ा करने से रोजाना लगने वाले जाम से राहगीर बेहद परेशान है. बताया जा रहा है कि पाटन पुलिस की शराब दुकानों से हफ्ता वसूली की वजह से शराब ठेकेदार सुबह 7 बजे से ही नगर के शराब ठेके संचालित करके शराब के शौकीनों को शराब उपलब्ध करा रहे है. जिस समय आम नागरिक दिन की शुरुवात चाय से करते है उसी समय नगर का शराब ठेकेदार शराब का ठेका सुबह 7 बजे खोलकर उनको शराब उपलब्ध करा देता है.
जिसकी वजह से शराबी सुबह से ही नगर की सड़को पर उत्पात मचाना शुरू कर देते हैं जिससे स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं एवं मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जानकार बताते है कि यह सारा खेल शासन प्रशासन के जिम्मेदारों से मिले संरक्षण की वजह से हो रहा है जिसका खामियाजा नगर की जनता भुगत रही है.
वैसे तो पाटन पुलिस नगर को अपराध मुक्त करने की तमाम योजनाएं और उन पर अमल करने क़ि बात करती है,लेकिन नगर के शहपुरा रोड़ एवं बस स्टैंड के सामने की प्रमुख सड़कों व चौराहों के किनारे चल रहे ओपन बार को रोकने की कोशिश नहीं करती है. शाम ढलते ही देशी-विदेशी शराब की दुकानों के सामने शराब के शौकीन बोतल खोलकर पैग बनाने लगते हैं. देर रात तक यहां का माहौल ओपन बार जैसा बना रहता है.
सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वालों पर नहीं होती करवाई…..
नगर के सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने से रोकने की कार्रवाई आबकारी विभाग न तो पुलिस विभाग करता है. ऐसे मामलों में पुलिस की अनदेखी कई सवाल खड़े कर रही है. नगर के बस स्टैंड शराब दुकान से रोजाना सैकड़ों युवक अपनी मोटर साइकिल सड़को पर खड़ा करके शराब,बीयर और चखना खरीदार सड़क किनारे बने एमपीआरडीसी के नाले पर बैठकर प्लास्टिक के ग्लास में पैक के जाम छलका रहे है और नगर की मुख्य सड़क पर गंदगी फैला रहे है. पुलिस की सरपरस्ती में ही शाम को नगर की सड़कों पर ओपन बार खुल जाता हैं. आपको बता दे कि बस स्टैंड शराब दुकान से पाटन थाना की दूरी महज 25 से 30 मीटर की होगी. पाटन पुलिस की आखिर कोन सी ऐसी मजबूरी है कि सार्वजनिक जगह पर शराबखोरी करने वालों को रोकना व पकड़ना ये जरूरी नहीं समझते है. पुलिस कार्यवाही नहीं होने की वजह से पाटन की मुख्य सड़को पर यहां के लोग खुलेआम शराब पीते हैं.
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दशकों से जमे आरक्षक लेते है सुविधा शुल्क….
नगर के लगभग सभी अंडे के ठेलों पर शाम होते ही शराब प्रेमियों का हुजूम उमड़ पड़ता है और उबले अंडे तथा आमलेट के साथ शराब के पैग शुरू हो जाते हैं इस दौरान यदि शराब कम पड़ जाती हैं तो ग्राहकों को इन अंडों के ठेलो पर भी शराब मिल जाती है. इन अंडों के ठेलों से वर्षों से पाटन थाने में जमे अंगद मासिक या प्रतिदिन के हिसाब से अपना सुविधा शुल्क वसूलते हैं. इस वसूली में कौन-कौन हिस्सेदार होता है,यह बात तो अफसर ही बता सकते हैं. यही वजह है कि लोग ठेलों पर या इसके सामने खड़े होकर शराब पीने लगते हैं. रोज शाम होते ही ठेलों पर भीड़ उमड़ने लगती है,जो देर रात तक इन अंडों के ठेलों पर बनी रहती है.
जब इस संबंध में अति पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा सर से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ.
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