जबलपुर. नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल से एक और शर्मनाक मामला सामने आया है जिसमें एक मरीज की कथित तौर पर ब्लड बैंक में रक्त न मिल पाने की वजह से जान चली गई.
नरसिंह जिले के करेली से शहर में उपचार के लिए लाए गए मरीज नर्मदा प्रसाद के परिजनों ने आरोप लगाया हैं कि वे रक्त के लिए भटक रहे थे और इस बीच रक्त की अनुपलब्धता के चलते उनके परिजन की सांसे थम गई. इस मामले में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन चुप्पी साधे हुए हैं.
शव को ले जाने के लिए भी नहीं थे पैसे
प्रत्यक्षदर्शियों एवं अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक नर्मदा प्रसाद नरसिंहपुर जिले के करेली से अपने बेटे और बेटी के द्वारा उपचार के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए गए थे. इलाज के दौरान जरूरत पड़ने पर अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त उपलब्ध नहीं हो पाया.
विक्टोरिया में प्रदर्शन से चिकित्सकों में रोष
परिजनों ये आरोप लगाते हुए बताया कि ब्लड बैंक में रक्त की अनुपलब्धता के चलते इधर वे अपने स्तर पर रक्त जुटाने प्रयास करते रहे और उधर उनके पिता ने दुनिया को अलविदा कह दिया. यह घटना तब सामने आई जब स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में रक्त की पर्याप्त उपलब्धता के बड़े-बड़े दावे करता है लेकिन बावजूद इसके मरीजों को जरूरत पड़ने पर रक्त उपलब्ध नहीं हो पाता है.
पिता की मौत के बाद उनके बेटे और बेटी के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे शव को अपने घर करेली ले जा सकें. इस कठिन परिस्थिति में वे कड़ाके की ठंड में अपने पिता के शव के पास बैठकर किसी मदद की उम्मीद कर रहे थे. कुछ सहृदयी लोगों ने उनकी आर्थिक मदद कर किसी तरह उन्हें अपने घर तक पहुंचने में सहायता की.
पिता की मौत के सदमे के बावजूद जाते-जाते वे यही कह रहे थे कि इस तरह के शासकीय अस्पतालों में तो कम से कम पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध होना चाहिए ताकि फिर कोई पुत्र-पुत्री रक्त के अभाव में अपने माता या पिता को न खो दें.