भोपाल /दमोह, 12 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में हिंदू छात्राओं को हिजाब जैसा स्कार्फ बांधने को मजबूर करने के मामले को लेकर विवादों में आए गंगा जमुना हाई स्कूल की मुसीबत बढ़ गई है, क्योंकि नगर पालिका की ओर से बगैर अनुमति के निर्माण कार्य कराया गया है। तीन दिन में जवाब देने के कहा गया है। जवाब न मिलने पर बुलडोजर चल सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका प्रशासन ने स्कूल के प्रबंध संचालक को नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है थ्क स्कूल में निमार्ण संबंधी दस्तावेज पेश करें, क्योंकि स्कूल की संपत्ति नगर पालिका के दस्तावेज में दर्ज नहीं है। यह भूमि जिस पर स्कूल बना है वह इदरीस खान के नाम पर दर्ज है। स्कूल के पीछे नई इमारत बन रही है, जिसमी अनुमति नहीं ली गई है साथ ही नक्शा भी पास नहीं कराया गया है।
वहीं दूसरी ओर राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि दमोह के गंगा जमुना स्कूल के मामले की जांच सही दिशा में चल रही है, प्याज के छिलकों की तरह एक के बाद एक परत छिलके की तरह उघड़ती जा रही हैं, जो फरार हैं और इस तरह की फिरका परस्त ताकतें हैं माफिया हैं उन पर तो बुलडोजर चलता ही है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों स्कूल का एक पोस्टर विवादों में आया था, जिसमें हिंदू बालिकाओं के हिजाब से मिलता जुलता स्कार्फ पहने दिखाया गया था। इस मामले में तीन बच्चों के बयान को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने स्कूल प्रबंध कमेटी के 10 लोगों के खिलाफ धारा 295, 506 और जेजे एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है और जांच में आरोपों के सही पाया तो शुक्रवार की रात से आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की छापे मारी शुरू हुई। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों जिसमें प्राचार्य व दो अन्य है उनको गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों स्कूल का एक पोस्टर विवादों में आया था, जिसमें हिंदू बालिकाओं के हिजाब से मिलता जुलता स्कार्फ पहने दिखाया गया था। उसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले क्लीन चिट दी मगर बाद में उसकी मान्यता ही निलंबित कर दी गई। इतना ही नहीं इस स्कूल की कई शिक्षिकाओं का धर्म परिवर्तन कराए जाने के आरोप लगे। इन शिक्षिकाओं ने समाने आकर विद्यालय में पढ़ाने आने से पहले ही धर्म परिवर्तन की बात स्वीकारी। इतना ही नहीं कई बच्चों ने यह आरोप भी लगाए थे कि उन्हें नमाज तक पढ़ने के मजबूर किया जाता था साथ ही इस्लामिक आयतें पढ़ने का दवाब बनाया जाता है।
–आईएएनएस
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