गाजा, 25 नवंबर (आईएएनएस)। गाजा पट्टी में सिविल डिफेंस ने बारिश के पानी की वजह से ‘मानवीय आपदा’ की चेतावनी दी है क्योंकि इससे बाढ़ आ सकती है और विस्थापित लोगों के तंबू क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
नागरिक सुरक्षा प्राधिकरण ने रविवार को एक प्रेस बयान में कहा, “बारिश के कारण, यारमौक स्टेडियम शेल्टर कैंप, गाजा नगर पालिका पार्क, बीच कैंप और गाजा शहर के स्कूलों में लगे तंबू क्षतिग्रस्त हो गए हैं।”
बयान के मुताबिक, “अगर कैंप में विस्थापित लोग इन्हीं हालात में रहे, तो हम एक भयावह मानवीय दृश्य का सामना करेंगे, क्योंकि कई तंबू क्षतिग्रस्त हो गए हैं और वे आश्रय के लिए सही नहीं हैं।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, प्राधिकरण ने चिंता जाहिर की कि सर्दियों के शुरू होने के साथ ही हालात और खराब हो सकते हैं।
नागरिक सुरक्षा प्राधिकरण ने चेतावनी दी कि निचले इलाकों में रहने वाले निवासियों को ‘वास्तविक आपदा’ का सामना करना पड़ेगा, अगर वे बारिश के पानी के संपर्क में आए तो, क्योंकि इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है जिसके कारण सीवेज चैनल ब्लॉक हो गए हैं।
नागरिक सुरक्षा के प्रवक्ता महमूद बसल ने उन घरों और इमारतों के ढहने के खतरे की चेतावनी दी, जहां से लोग पलायन कर गए हैं। इन इमारतों में दरारें आ गई हैं।
बसल ने अतंरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे गाजा पट्टी में विस्थापित फिलिस्तीनियों की जान बचाएं, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। उन्हें टेंट और कारवां उपलब्ध कराकर सर्दियों के मौसम की कठिनाइयों से बचाएं।
गाजा शहर के मध्य में अपने परिवार के साथ अस्थायी तंबू में रहने वाले रजब अबू वर्दा ने कहा, “बारिश ने हमारी परेशानी बढ़ा दी है और इस भयावह स्थिति में हमारे लिए स्थिति और भी खराब कर दी है।” उन्होंने कहा कि बारिश और हवा ने उनके जीवन को ‘असहनीय’ बना दिया है।
7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।
–आईएएनएस
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