अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।
–आईएएनएस
एमके/
ADVERTISEMENT
अहमदाबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में स्थित 07 परिसरों में शनिवार को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने पर गुजरात पुलिस की अहमदाबाद अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था। इसमें संगठित अपराधियों के एक ग्रुप द्वारा 200 से अधिक फर्जी संस्थाओं का गठन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
ईडी ने क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। तत्काल एफआईआर में, डीजीजीआई द्वारा गुजरात पुलिस को भेजी गई शिकायत से पता चलता है कि मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज को कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी हासिल कर लिया गया।
बाद में मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज ने मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज सहित 12 अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर चालान बनाए, जिन्होंने जीएसटी विभाग से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि महेश लांगा नामक व्यक्ति मेसर्स डीए एंटरप्राइजेज नामक फर्म को कंट्रोल कर रहा था, जिसके परिसर से पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की। शेल कंपनियों के साथ कई अन्य बेनामी लेनदेन होने का शक है।
जांच के दौरान, वैधानिक अधिकारियों से पूछताछ की गई और पीएमएलए, 2002 के तहत विभिन्न बयान दर्ज किए गए, जो इन लेनदेन की वास्तविकता को स्थापित नहीं कर सके। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया, ताकि इसमें शामिल बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
इस मामले में, ईडी अहमदाबाद ने पहले अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में 23 स्थानों पर तलाशी ली थी, ये सभी गुजरात राज्य में हैं।
महेश लांगा अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार हैं और कथित जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में 8 अक्टूबर से पुलिस हिरासत में बंद हैं।