भोपाल, 8 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के 15 आदिवासी युवकों के साथ गुजरात के राजकोट में एक कंपनी संचालक ने चोरी का आरोप लगाकर बर्बर व्यवहार किया।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने इसे आदिवासियों की अस्मिता पर हमला करार दिया है। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के अनूपपुर जिले के 15 आदिवासी युवकों को गुजरात के राजकोट में प्रताड़ित कर यातनाएं दिए जाने का मामला सामने आया है।
गुजरात से अनूपपुर पहुंचे आदिवासी युवकों ने बताया कि राजकोट में जिस कंपनी में वे काम करते थे, उसके मालिक ने चोरी का इल्जाम लगाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की। इन्हें बंधक बनाकर रखा गया। चार युवकों को गंभीर चोटें आई हैं। आदिवासी युवकों पर दबाव बनाने के लिए कंपनी ने उनके आधार कार्ड और मोबाइल फोन जब्त कर लिए।
कमलनाथ ने कहा कि यह भी जानकारी मिली है कि गुजरात पुलिस ने आदिवासी युवकों को पीटने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय दबाव बनाकर दोनों पक्षों में राजीनामा करा दिया। जहां आदिवासी समुदाय को न्याय मिलना चाहिए था, वहां पुलिस पैसा और प्रशासन का इस्तेमाल करके जबरन का राजीनामा कराया गया।
कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जानना चाहता हूं कि इन आदिवासी युवकों के साथ किए गए इस बेरहमीपूर्ण व्यवहार पर क्या उन्होंने अब तक कोई कार्यवाही की है? असल में शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश के आदिवासी समाज को इतना कमजोर कर दिया है कि हर किसी को लगता है कि वह मध्य प्रदेश के आदिवासी पर अत्याचार कर सकता है और उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा।
दूसरे राज्य में मध्य प्रदेश के आदिवासी नौजवानों पर हुई यह क्रूरता मध्य प्रदेश की आदिवासी अस्मिता पर हमला है। कमलनाथ ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, वह आदिवासी विरोधी रवैया छोड़े और आदिवासी समाज को उचित सम्मान दें।
–आईएएनएस
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