गांधीनगर, 8 सितंबर (आईएएनएस)। रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग बढ़ाने के उद्देश्य के तहत वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार की इमारतों पर 48 मेगावाट के सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाए जाएंगे। गुजरात सरकार की ओर से यह ऐलान किया गया है।
इस पहल के तहत गुजरात सरकार की कोशिश रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग को बढ़ाना और पारंपरिक एनर्जी के उपयोग को कम करना है।
गुजरात के क्लाइमेट चेंज डिपार्टमेंट द्वारा रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने के लिए 177.4 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
सरकारी अधिकारी की ओर से बताया गया कि सोलर एनर्जी में गुजरात अग्रणी राज्यों में से एक है। मार्च 2024 तक करीब 3,000 से ज्यादा सरकारी इमारतों पर सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाया जा चुका है। इनकी संयुक्त क्षमता 56.8 मेगावाट की है।
वित्त वर्ष 2023-24 में गुजरात में 24,765.3 मिलियन यूनिट्स (एमयू) रिन्यूएबल एनर्जी का उत्पादन किया गया था। इसमें से 9,637 एमयू सोलर एनर्जी और 14,201 एमयू विंड एनर्जी से उत्पादित हुई थी।
विंड एनर्जी क्षमता में गुजरात देश में शीर्ष पर है। गुजरात में मई 2024 तक 11,823 मेगावाट की स्थापित विंड एनर्जी क्षमता थी। तमिलनाडु 10,743 मेगावाट और कर्नाटक 6,312 मेगावाट की विंड एनर्जी क्षमता के साथ देश में दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।
सोलर एनर्जी में भी गुजरात, राजस्थान के बाद देश में दूसरे स्थान पर है। राजस्थान में 22,180 मेगावाट और गुजरात में 14,182 मेगावाट की स्थापित सोलर एनर्जी क्षमता है। सोलर और विंड एनर्जी मिलाकर गुजरात के पास 28,200 मेगावाट की संयुक्त रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता है।
हाल ही में पहले इंटरनेशनल सोलर फेस्टिवल को वर्चुअल संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साफ दृष्टिकोण और सोलर एनर्जी में उल्लेखनीय वृद्धि ने भारत को रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला पहला जी-20 देश बनाया है।
उन्होंने कहा, “हमारी सोलर एनर्जी क्षमता में बीते 10 वर्ष में 32 गुना का इजाफा हुआ है। यह स्पीड 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी।”
–आईएएनएस
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