गुरुग्राम, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। गुरुग्राम की एक अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि 2017 में गुरुग्राम के एक प्रमुख स्कूल में एक जूनियर लड़के की हत्या के आरोपी छात्र पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाए।
किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) द्वारा उसे बालिग मानते हुए मुकदमा चलाने के फैसले के खिलाफ भोलू (आरोपी) की ओर से अपील दायर की गई थी।
हालांकि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सिंगल ने मंगलवार को याचिका खारिज कर दी और उन्होंने अगली सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख तय की। सुनवाई के दौरान आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए जा सकते हैं।
19 अक्टूबर को जेजेबी ने आदेश दिया कि आरोपी पर बालिग के तौर पर मुकदमा चलाया जाएगा।
इस साल 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि किशोर अभियुक्त से नए सिरे से पूछताछ की जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कथित अपराध के लिए उस पर वयस्क या नाबालिग के रूप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और मामले को जेजेबी को भेज दिया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी सत्र अदालत के समक्ष तर्क दिया कि हत्या के मामले में आरोपी किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
पीड़ित के वकील ने इस फैसले को मामले में टर्निग प्वाइंट करार दिया और कहा कि न्यायालय का यह फैसला कि किशोर के साथ वयस्क जैसा व्यवहार किया जाएगा, ऐतिहासिक है।
8 सितंबर, 2017 को स्कूल के शौचालय के अंदर कक्षा 2 के एक छात्र का गला रेता हुआ शव बरामद किया गया था। सीबीआई ने हत्या के आरोप में इसी स्कूल से 11वीं कक्षा के एक छात्र को पकड़ा है। आरोपी, जो घटना के समय 16 वर्ष का था, इस वर्ष 3 अप्रैल को 21 वर्ष का हो गया।
–आईएएनएस
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