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Home राष्ट्रीय

गृह मंत्री अमित शाह की सीएम धामी से मुलाकात, तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर बैठक की

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December 24, 2024
in राष्ट्रीय
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गृह मंत्री अमित शाह की सीएम धामी से मुलाकात, तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर बैठक की
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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

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बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

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अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

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बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक,एनसीआरबी के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केंद्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज्यादा एफआईआर दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। फॉरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों, गंभीर, सामान्य और अति सामान्य, में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

उन्होंने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर में न्याय मिला और कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।

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