गुवाहाटी, 5 अगस्त (आईएएनएस)। असम सरकार के बेदखली अभियान के लिए मुख्यमंत्री की व्यापक रूप से आलोचना की गई है, क्योंकि इस अभियान में कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई ने भी अपने कार्यकाल के दौरान यही काम किया था।
सरमा ने शनिवार को गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में कहा, “बोरदोलोई ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान प्रवासी मुसलमानों को सरकारी भूमि से दृढ़ता से बेदखल कर दिया था। बोरदोलोई द्वारा किए गए निष्कासन और राज्य में मौजूदा शासन के बीच समानता देखी जा सकती है।
उन्होंने कहा, “असम प्रांत में सैयद मुहम्मद सादुल्ला सरकार के पतन के बाद 1938 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर ‘लोकप्रिय’ गोपीनाथ बोरदोलोई ने प्रवासी मुस्लिम आबादी से असम की स्वदेशी जातियों की रक्षा करने, चरागाहों को सुरक्षित करने के लिए गंभीर प्रयास किए। उन्होंने सोचा कि प्रवासी मुस्लिम आबादी के अवैध कब्जे से रिजर्व और आरक्षित वनों को बचाया जाए।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि बोरदोलोई की भूमिका ने बाद में असम में आदिवासी बेल्ट और ब्लॉक बनाने में मदद की।
सरमा ने कहा, गोपीनाथ बोरदोलोई ने कैबिनेट मिशन के ग्रुपिंग फॉर्मूले का डटकर विरोध करके असमिया समुदाय की विशिष्ट पहचान और संस्कृति को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने राज्य की स्वदेशी आबादी के अधिकारों को सुरक्षित करने में उनकी भूमिका के लिए बोरदोलोई की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा, “गोपीनाथ बोरदोलोई ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया और वह महात्मा गांधी की राजनीतिक विचारधारा और कार्यों से गहराई से प्रभावित थे। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्हें औपनिवेशिक शासन द्वारा कई बार कैद किया गया था। गोपीनाथ बोरदोलोई ने अपने जीवनकाल में असम और उसके निवासियों की भलाई के लिए लगातार काम किया।”
पिछले कुछ वर्षों से असम सरकार गोपीनाथ बोरदोलोई को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि के रूप में लोक कल्याण दिवस मना रही है, जिसके माध्यम से राज्य सरकार के कर्मचारी, जिन्होंने अपने सौंपे गए कर्तव्यों के प्रति अनुकरणीय समर्पण प्रदर्शित किया था, उन्हें पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।
इस वर्ष कुल 81 कर्मचारियों को पुरस्कार के लिए चुना गया।
सरमा ने कहा कि सरकार के समर्पित कर्मचारियों को पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है, ताकि वे प्रेरित हों और समर्पित भाव से सेवाएं प्रदान करते रहें। उन्होंने कहा कि पुरस्कार पाने वालों को सेवा अवधि में विस्तार मिलता है।
इस कार्यक्रम में असम विधानसभा के अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, राज्य के मंत्री रंजीत कुमार दास, रनोज पेगु और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
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